वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नरेंद्र मोदी को ‘विघटनकारी’ नेता करार देते हुए कहा कि भाजपा की सोच में कोई बदलाव नहीं आया है और पिछले दो चुनावों की तरह इस बार भी जनता उन्हें खारिज कर देगी।
साथ ही उन्होंने विकास के गुजरात मॉडल को भी खारिज करते हुए कहा कि इसमें कई खामियां हैं और इसकी जरूरत से ज्यादा तारीफें की जा रही हैं।
वित्त मंत्री ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर अयोध्या, धारा 370 और समान नागरिक संहिता जैसे समाज को बांटने वाले मुद्दों को उछाल रही है और आगामी चुनावों में जनता इस बात का ध्यान रखेगी।
मोदी को ज्यादा तवज्जो न देते हुए चिदंबरम ने कहा कि उनकी पार्टी किसी एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं बल्कि उस विचारधारा के खिलाफ लड़ेगी, जिसे 2004 और 2009 में जनता ने अस्वीकार कर दिया था।
मोदी की ताजपोशी के संबंध में उन्होंने कहा कि वह एक बांटने वाले नेता हैं और उनकी पार्टी के भीतर ही शीर्ष स्तर पर उनका विरोध हो रहा है।
चिदंबरम ने कहा, ‘हमें लगता है कि मिस्टर मोदी एक बांटने वाले व्यक्ति हैं। इसी वजह से पार्टी के भीतर से ही उनके खिलाफ विद्रोह के सुर सुनाई पड़ रहे हैं। पहली बार मैंने शीर्ष स्तर पर इस तरह का विद्रोह देखा है।’
विकास के गुजरात मॉडल के संबंध में चिदंबरम ने कहा कि यह मॉडल पूरे देश के लिए कारगर साबित नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री मोदी की सफल कहानी में कमियां गिनाते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इससे राज्य में समाज का एक बड़ा वर्ग पीछे छूट गया है।
हालांकि प्रत्येक मॉडल की तरह इसमें कुछ सकारात्मक तत्व भी हैं। मगर मुझे नहीं लगता कि देश के विकास के लिए यह उपयुक्त मॉडल है।
‘मोदी फोबिया’ से ग्रस्त हैं कांग्रेसी नेता
भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने चिदंबरम पर पलटवार करते हुए कहा, ‘चिदंबरम और अन्य कांग्रेसी नेता मोदी फोबिया से ग्रसित हैं। इस तरह के नेताओं का मनोवैज्ञानिक टेस्ट कराने की जरूरत है।’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस यूपीए सरकार की विफलता को छिपाने के लिए इस तरह की भाषा का प्रयोग कर रही है। देश में कुशासन और भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार है।
जो लोग मोदी के खिलाफ इस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, वह भ्रष्टाचार के खेल में शतक पर शतक ठोक रहे हैं और उनकी पारी अभी भी खत्म नहीं हुई है।