सीरिया की राजधानी दमिश्क के बाहरी इलाके में मौजूद एक सैन्य शोध केंद्र पर रॉकेट हमला हुआ है।
सीरिया के सरकारी चैनल का कहना है कि इसराइल ने ही इस सैन्य शोध केंद्र पर रॉकेट दागा है।
चैनल के मुताबिक शहर के माउंट कॉसिऑन क्षेत्र में जोरदार धमाके की आवाज़ सुनाई दी। इस शोध केंद्र को जनवरी में भी इसराइली हमले का निशाना बनाया गया था।
शनिवार को इसराइल के अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि इसराइली विमानों ने सीरिया में मिसाइलों से लदे जहाज़ पर हमला कर दिया था।
ऐसा माना जाता है कि ये मिसाइलें लेबनॉन के हिज़बुल्ला के इस्तेमाल के लिए थीं।
रॉकेट हमला
बीती रात हुए बड़े धमाके से पूरा दमिश्क दहल गया। ऑनलाइन जारी किए गए कुछ वीडियो फुटेज में शहर में रात के वक्त आसमान में आग की बड़ी-बड़ी लपटें दिखाई पड़ रही हैं।
इन फुटेज के ज़रिये दावा किया गया है कि ये धमाकें जमराया सैन्य शोध केंद्र पर हुए।
विद्रोहियों के ख़िलाफ राष्ट्रपति बशर-अल-असद की सेना की आक्रामक क़ार्रवाई का हवाला देते हुए सीरिया के सरकारी चैनल ने कहा, “इसराइल के ताज़ा हमले के ज़रिए उन चरमपंथी संगठनों के मनोबल को बढ़ाने की कोशिश की गई है जो देश की सेना के हमले से खौफज़दा थे।”
हालांकि ताज़ा हमले के बारे में इसराइली अधिकारियों ने कोई तात्कालिक टिप्पणी नहीं दी है।
इसराइल के सैन्य प्रवक्ता ने रॉयटर्स समाचार एजेंसी को बताया, “हम इस तरह की रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देते हैं।”
सीरियाई सेना और विद्रोहियों के बीच कई महीनों से दमिश्क में संघर्ष चल रहा है लेकिन फिलहाल दोनों में से किसी भी पक्ष का दबदबा बढ़ने के आसार नहीं दिख रहे हैं।
मार्च 2011 से चल रहे संघर्ष में 70,000 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं।