नई दिल्ली।। होटेल से लेकर सिगरेट बिजनेस से जुड़े आईटीसी ग्रुप के चेयरमैन वाईसी देवेश्वर ने साउथ-सेंट्रल दिल्ली के शांति निकेतन इलाके में करीब 85 करोड़ रुपए में एक बंगला खरीदा है। शायद यह देश में किसी कंपनी के सैलरीड एंप्लॉयी द्वारा खरीदे जाने वाला सबसे महंगा घर है।
दो-मंजिल वाले इस बंगले की डील के लिए प्रति वर्ग गज करीब 10.62 लाख रुपए की कीमत चुकाई गई है। यह 800 वर्ग गज के प्लॉट पर बना है। प्रति वर्ग गज रेट के लिहाज से भी यह दिल्ली के सबसे महंगे घरों में से एक है। पेड़ों से घिरे इस बंगले के सामने एक छोटा गार्डन है।
डील की जानकारी रखने वाले दो और लोगों ने इस ट्रांजैक्शन की पुष्टि की, लेकिन आईटीसी के प्रवक्ता ने यह कहते हुए इस बारे में कुछ कहने से इनकार कर दिया कि यह कंपनी से जुड़ा मामला नहीं है। जानकारी देने वाले दो लोगों ने बताया कि प्रॉपर्टी रजिस्टर्ड हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि देवेश्वर फैमिली को इस महीने के अंत में इस घर का पजेशन मिल जाएगा।
प्रॉपर्टी पर मौजूद लोगों ने भी घर बिकने की बात कही। देवेश्वर ने इस बारे में भेजी गई ईमेल का जवाब नहीं दिया। वह कोलकाता में रहते हैं। अमन मेहता ने इस घर को बेचा है। वह एचएसबीसी के फॉर्मर चीफ एग्जेक्युटिव हैं। उनसे संपर्क नहीं हो सका। हालांकि, उनके ब्रोकर ने डील होने की बात मानी। एचएसबीसी में 35 साल काम करने के बाद मेहता 2003 में रिटायर हुए थे। अभी वह कई कंपनियों के बोर्ड में शामिल हैं।
देवेश्वर ने 1968 में आईटीसी में नौकरी शुरू की थी। वह 1996 में कंपनी के सीईओ बन गए। 28 मार्च को उनके पास आईटीसी के 24,26,435 शेयर थे। गुरुवार को शेयर के क्लोजिंग प्राइस पर देवेश्वर के शेयरों की टोटल वैल्यू करीब 83.6 करोड़ रुपए है। इस साल जनवरी से उन्होंने दो बार में आईटीसी के 49 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। इस दौरान उन्होंने कंपनी के करीब 26 करोड़ रुपए के शेयर भी खरीदे। 2011-12 में पर्क्स, बेनेफिट और परफॉर्मेंस बोनस सहित उनकी कुल सैलरी सालाना 9.85 करोड़ रुपए थी।
सूत्रों ने बताया कि ट्रांजैक्शन चेक से हुआ। आम तौर पर प्रॉपर्टी की आधी वैल्यू का पेमेंट कैश में होता है। पिछले दो साल में दिल्ली में इस तरह के कुछ ही वाइट ट्रांजैक्शन देखने को मिले हैं। मोनेट इस्पात ऐंड एनर्जी के चेयरमैन संदीप जजौदिया ने भी देवेश्वर के घर से थोड़ी दूर स्थित 2,000 वर्ग गज का एक प्लॉट खरीदा था। वह भी पूरी तरह से वाइट ट्रांजैक्शन था। सीनियर ब्यूरोक्रेट्स ने 1980 के दशक में शांति निकेतन इलाके में घर बनाए थे। एयरपोर्ट और बड़े बिजनस डिस्ट्रिक्ट्स से नजदीक होने के कारण बिजनसमैन के लिए यह काफी अट्रैक्टिव हो गया है।