रेटिंग एजेंसी मूडीज का अनुमान है कि 2013 में भारतीय अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी और आर्थिक वृद्धि दर 5.5 से 6.5 फीसदी के दायरे में रहेगी।
हालांकि, इसके साथ ही मूडीज ने कहा है कि नए निवेश के लिए सरकार के कदमों का दायरा छोटा ही है। मूडीज ने निजी क्षेत्र द्वारा सतर्कता का रुख अपनाने का उल्लेख करते हुए कहा है कि भारत निवेश और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए संघर्ष कर रहा है।
अपने केंद्रीय अनुमान परिदृश्य के मद्देनजर मूडीज इन्वेस्टर सर्विस का अनुमान है कि 2013 में भारतीय अर्थव्यवस्था 5.5 से 6.5 फीसदी की दर से बढ़ेगी। यह आंकड़ा पिछले साल 3.9 फीसदी पर रहा था।
मूडीज ने कहा कि 2014 में वृद्धि दर और बढ़कर छह से सात फीसदी के दायरे में पहुंच जाएगी। मूडीज ने कहा कि थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई में गिरावट के बावजूद उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई अब भी दहाई अंकों में है। इससे अर्थव्यवस्था में कीमतों का दबाव बना हुआ है।
मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 2013 में बढ़ेगी जरूर, लेकिन 2010 और 2011 में हासिल हुई वृद्धि दर के आंकड़े पर पहुंचने में एक या दो साल का समय और लगेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू खाते का घाटा (सीएडी) भारत के लिए निरंतर चिंता का विषय बना हुआ है।
मूडीज ने कहा कि हाल में वृद्धि दर का आंकड़ा उम्मीद से कम रहा है। नीति निर्माताओं ने निवेश और बचत बढ़ाने के लिए जो उपाय किए हैं वास्तव में उनका दायरा काफी छोटा है।