लखनऊ में तैनात पुलिस उप महानिरीक्षक [डीआइजी] की पत्नी ने बेटे की मौत के गम में फांसी लगाकर जान दे दी। वह यहां राजकीय इंटर कॉलेज [जीआइसी] में शिक्षिका थीं। वह कई महीनों से डिप्रेशन में चल रही थीं। मौके से मिले सुसाइड नोट में उन्होंने अपनी मौत के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराया।
पुलिस मानवाधिकार सेल में डीआइजी चित्रांगद की पत्नी 50 वर्षीय मीताक्षी अपने मायके रैमजे रोड स्थित सत्य कुटीर के दो मंजिले में अकेले रहती थीं। बेटे पार्थ ने सात महीने पहले दीपावली के समय गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद से ही वह वह परेशान रहती थीं। मेडिकल व अन्य अवकाश के बाद अप्रैल में ही उन्होंने ड्यूटी ज्वाइन की थी। शुक्रवार सुबह करीब सात बजे उनकी नौकरानी मकान पर पहुंची तो दरवाजा बंद मिला। बाद में परिजनों ने दरवाजा तोड़ा तो वह ग्रिल से बंधे कपड़े से लटकी मिलीं।
जीआइसी की प्रधानाचार्य मंजू पाल ने बताया कि मीताक्षी बेटे की मौत के बाद से गुमसुम रहती थीं और अक्सर आत्महत्या की बात करती थीं। बहन निधि पांडे के अनुसार, अक्सर वह कहती थीं कि उन्हें उनका बेटा बुला रहा है।