गांवों में अब झोलाछाप डॉक्टर ही नहीं बल्कि उनके बच्चे भी क्लीनिक संचालित कर रहे हैं।
इसका खुलासा गुरुवार को तब हुआ जब एक सपा कार्यकर्ता की शिकायत पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) सारनाथ क्षेत्र के हिरामनपुर गांव में एक क्लीनिक की जांच करने पहुंचे।
उस समय क्लीनिक में 11 वर्षीय बालक ही लोगों को दवाएं दे रहा था। उसके पिता दूसरी जगह क्लीनिक चला रहे थे। इसी गांव में दो और क्लीनिक की जांच की गई। इनके संचालक मौके पर नहीं मिले।
एसीएमओ ने तीनों क्लीनिक संचालकों पर कार्रवाई की अनुशंसा सीएमओ से की है।
एसीएमओ डॉ. बीके सिंह ने बताया कि सपा कार्यकर्ता दयाल यादव ने हिरामनपुर गांव में तीन झोलाछाप डाक्टरों के बारे में सीएमओ से शिकायत की थी।
उनकी शिकायत थी कि ये झोलाछाप लोगों को आम दवाएं तो देते ही हैं, एपेंडिक्स, बच्चेदानी में गड़बड़ी जैसी गंभीर बीमारियों का भी इलाज शुरू कर देते हैं।
उन्होंने बताया कि सारनाथ टेंट हाउस के बगल में स्थित क्लीनिक डॉ. अधिवेश यादव संचालित करता है। गुरुवार को क्लीनिक पर उसका पुत्र बैठा था तथा मरीजों को सिर दर्द और बुखार की दवाएं दे रहा था।
डॉ. अधिवेश से मोबाइल पर संपर्क किया गया तो उसने बताया कि वह दूसरी जगह क्लीनिक में मरीजों को देख रहा है।
इसी प्रकार बिहारी मौर्या के कटरा में डॉ. डीएन विश्वकर्मा और राजभर के कटरा में डॉ. राजकुमार पटेल क्लीनिक संचालित करते हैं। इन तीनों क्लीनिक सीएमओ कार्यालय में पंजीकृत नहीं हैं।
एसीएमओ ने बताया कि चिरईगांव ब्लॉक के प्रभारी चिकित्साधिकारी जल्द ही तीनों के विरुद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराएंगे।