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मोदी को मजबूत नेता के रूप में देखती है जनता: उमा

uma-bharti_2गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किए जाने के घमासान के बीच भाजपा की नवनियुक्त उपाध्यक्ष उमा भारती ने कहा कि देश की जनता में असुरक्षा की भावना है और वह मोदी को एक मजबूत नेता के रूप में देखती है।

उमा भारती ने कहा कि वह यह नहीं कह सकती कि मोदी को प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में पेश किया जाए अथवा नहीं, लेकिन वह देश की जनता की मानसिकता पहचानती हैं, जो देश में बढ़ते आतंकवाद, नक्सलवाद, सीमा पर भारतीय जवानों के साथ हुए अमानुषिक व्यवहार, कानून-व्यवस्था तथा भ्रष्टाचार को लेकर असुरक्षित महसूस करती है और मोदी को एक मजबूत नेता के रूप में देख रही है।

उन्होंने कहा कि देश की जनता में एक मजबूत नेता की भूख है, जो आतंकवाद, नक्सलवाद, भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था की स्थिति से कड़ाई से निपट सके। उन्होंने कहा कि आज जनता ऐसे नेता को पसंद नहीं करती, जो मीठी-मीठी बात करे, लेकिन काम नहीं कर सके। उमा भारती ने ने कहा कि मोदी ने न केवल गुजरात में सुशासन दिया और उसका विकास किया, बल्कि भयरहित शासन भी दिया।

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह द्वारा मोदी पर अपनी छवि निखारने के लिए पब्लिक रिलेशन एजेंसियों का सहारा लिए जाने संबंधी आरोपों को गलत बताते हुए उमा ने कहा कि इन नेताओं को गुजरात जाकर वहां हुए विकास को देखना चाहिए।

उमा ने इन आरापों को भी गलत बताया कि गुजरात में विकास नहीं हुआ है। उन्होंने ऐसे आरोप लगाने वाले कांग्रेसी नेताओं को सलाह दी कि वे हेलीकाप्टर के स्थान पर गुजरात में सड़क मार्ग से दौरा करें और देखें कि वहां की सड़कें देश में सर्वश्रेष्ठ हैं और वहां भ्रष्टाचार भी नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में दो ही राज्य ऐसे हैं जहां भ्रष्टाचार नहीं के बराबर है। उन्होंने कहा कि इनमें पहला स्थान गुजरात का और दूसरा गोवा का है।

मोदी को प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में पेश किये जाने संबंधी प्रश्न के उत्तर में उमा भारती ने कहा कि इस मामले में पार्टी फोरम में अपनी राय व्यक्त करेंगी।

मोदी के मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरोध के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नीतीश को यह नहीं भूलना चाहिए कि वर्ष 2005 में बिहार के प्रभारी होने के नाते पटना में उन्होंने ही नीतीश का नाम मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया था। उमा ने कहा कि उनसे बड़ी कट्टर हिंदुवादी छवि किसी नेता की नहीं है और वे एक मात्र ऐसी नेता है जिसने अयोध्या आंदोलन को लेकर कभी क्षमा नहीं मांगी।

उमा ने कहा कि जब नीतीश को मेरे जैसी नेता के साथ चुनाव प्रचार के दौरान मंच साझा करने में कोई आपत्ति नहीं हुई तो अब इस प्रकार के प्रश्न उठाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह इस मुद्दे का हल निकाल लेंगे। गुजरात द्वारा मध्यप्रदेश में शेरों को भेजने का विरोध किए जाने के संबंध में पूछे जाने पर उमा ने कहा कि गुजरात को हमें शेर देने पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए क्योंकि हमने भी उन्हें नर्मदा का पानी दिया है।

NCR Khabar News Desk

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