लद्दाख क्षेत्र में घुसपैठ करने वाली चीनी सेना को हटाने के लिए भारतीय फौज पूरी तरह तैयार है।
जम्मू दौरे से लौटे सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने रक्षा मंत्री एके एंटनी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अगुवाई वाले चीन अध्ययन समूह को वर्तमान स्थिति की पूरी जानकारी देने के साथ ही आश्वस्त किया कि चीनी सेना को पीछे धकेलने के लिए भारतीय सेना सैन्य विकल्प आजमाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
हालांकि सरकार सेना के सुझावों और विकल्पों पर विचार करने के साथ-साथ फिलहाल कूटनीतिक रास्ते पर ही आगे बढ़ने की पक्षधर है। शुक्रवार को दोनों देशों के बीच एक और फ्लैग मीटिंग होनी है। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में चीन का रुख नरम हो सकता है।
इस बीच मानवरहित टोही विमानों (यूएवी) से प्राप्त जानकारी से पता चला है कि सीमा के उस पार चीनी खेमे में सैन्य गतिविधियां सामान्य हैं, जिससे भारत का कूटनीतिक विकल्प पर भरोसा बढ़ा है।
इसी वजह से भारत ने भी लेह स्थित 14 कोर रेजीमेंट को पूरी तरह तैयार करने के बावजूद घुसपैठ स्थल के लिए रवाना नहीं किया है।
हालांकि एहतियात के तौर पर घुसपैठ वाली जगह से थोड़ी दूर आईटीबीपी की टुकड़ी भेजने के बाद भारत ने पांच लद्दाख स्काउट्स बटालियन से कुछ और सैनिकों को डीबीओ इलाके में भेज दिया है।
जरूरत पड़ने पर सैनिकों के कुछ और जत्थे को घुसपैठ वाली जगह भेजे जाने की भी तैयारी पूरी कर ली गई है।
दूसरी ओर विदेश मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो चीन जल्द ही अपनी जिद छोड़ देगा क्योंकि उसके भारत के साथ 66 अरब डॉलर के कारोबारी रिश्ते हैं।
वह नहीं चाहेगा कि रिश्तों को बिगाड़ कर आर्थिक नुकसान उठाया जाए। चूंकि चीन के प्रधानमंत्री को अगले महीने भारत आना है, इसलिए भी वह इस विवाद को ज्यादा तूल देने से बचेगा। भारत ने भी इस तनातनी के बीच आज ही विदेश मंत्री के चीनी दौरे की तारीख घोषित कर कूटनीतिक दांव चला ह्रै।
9 मई को चीन जाएंगे खुर्शीद
सरकार ने तनातनी के बीच विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद का आगामी नौ मई का चीन दौरा जारी रखने का फैसला किया है।
खुर्शीद ने उम्मीद जताई कि पहले की तरह इस बार भी समाधान वर्तमान कार्यकारी तंत्र के माध्यम से ही निकलेगा।
उन्होंने कहा कि इसे धोखा या असहमति कहना ठीक नहीं होगा। पहले भी ऐसी स्थिति आई है और इसका समाधान कार्यकारी तंत्र के माध्यम से ही हुआ है।
चीन अपने रुख पर कायम
अपने रुख पर कायम चीन ने एक बार फिर कहा है कि उसकी सेना ने लद्दाख में घुसपैठ नहीं की है। उसका कहना है कि इस घटना से द्विपक्षीय संबंधों पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा और दोनों देश आपस में बातचीत पूरे मुद्दे को सुलझा लेंगे।
चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, ‘मैं इन आरोपों से सहमत नहीं हूं कि चीन की वजह से विवाद बढ़ा है। चीनी सेना ने कभी भी एलएसी को पार नहीं किया है।
चीन और भारत दोनों पड़ोसी हैं और अभी तक सीमा को सीमांकित नहीं किया गया है। ऐसे में सीमावर्ती क्षेत्र में इस तरह की समस्याएं उभरना लाजमी है।’