अरबपति नेता दीपक भारद्वाज की हत्या की जांच में ये बात सामने आई है कि नितेश भारद्वाज ने पिता की हत्या कराने का इरादा बदल दिया था और वकील बलजीत सहरावत से सुपारी के पैसे दो बार वापस मांगे थे।
इस पर बलजीत ने उससे कहा था कि एक बार जब सुपारी चल जाती है तो वह वापस नहीं होती।
पुलिस तफ्तीश में यह बात सामने आई है कि कारोबारी महिला मित्र को प्रॉपर्टी नहीं कैश देता था। पुलिस बलजीत के मोबाइल फोन को फोरेंसिक जांच के लिए भेजेगी, क्योंकि बलजीत और नितेश मेसेज भेजकर बात करते थे।
नितेश ने मोबाइल तोड़ दिया है और बलजीत ने मेसेज डिलीट कर दिए हैं।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार कारोबारी दीपक भारद्वाज ने अक्तूबर माह में नितेश को फार्महाउस से बेइज्जत करके निकाल दिया था।
इस पर नितेश ने कनाडा जाने का मन बना लिया था। इस बीच कारोबारी स्कूल का चेयरमैन बनना चाहता था।
वह पत्नी रमेश कुमारी पर दबाव बनाने के अलावा झगड़ा करता रहता था कि स्कूल की कमेटी को भंग कर दे और वह चेयरमैन बनेगा।
परिवार के पास आय के एक मात्र साधन शिक्षा बाल भारती स्कूल को भी कारोबारी अपने कब्जे में लेना चाहता था। इससे नितेश का गुस्सा और भड़क गया था।
नितेश ने यह बात बलजीत को बताई। बलजीत से अक्तूबर माह में उसने कहा कि वह उसके पिता को ऐसे कानूनी केसों में फंसा दे कि वह आए दिन कोर्ट में खडे़ रहें। इसी बीच कारोबारी ने पत्नी रमेश कुमारी के साथ मारपीट कर दी। नितेश फिर वकील से मिला और घर की परेशानी बताई।
बलजीत ने नितेश को पिता को रास्ते से हटाने की सलाह दी। बलजीत ने स्वामी से बात कर नितेश से पांच करोड़ रुपये की सुपारी मांगी। नितेश ने जनवरी माह में बलजीत को 50 लाख रुपये दे दिए थे।
फरवरी में नितेश को लगा कि वह पिता की हत्या करवा कर गलत कर रहा है। वह सुपारी मांगने बलजीत के पास गया और पैसे मांगे। इस पर बलजीत ने कहा कि दी हुई सुपारी वापस नहीं ली जाती है। नितेश ने मार्च महीने के बीच में भी पैसे वापस मांगे थे।
नीतेश के वकील ने थाने में लौटाए दस लाख रुपये
दीपक भारद्वाज की हत्या के मामले की जांच में शूटर पुरूषोत्तम और सुनील की गिरफ्तारी हो जाने के बाद नीतेश भारद्वाज को अपनी गिरफ्तारी का डर सताने लगा था।
इसलिए उसने अपने बचाव के लिए एक वकील से बातचीत कर ली थी और उसे दस लाख रुपये भी दे दिए थे। वकील को जब इस बात का पता चला कि नीतेश की गिरफ्तारी हो गई है तो वह उसे थाने जाकर रुपये लौटा दिए।
हरिद्वार में भी थी कारोबारी की महिला मित्र
दक्षिण जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार कारोबारी की हरिद्वार में भी एक महिला मित्र थी। यह युवती उसके यहां काम करती है। लाजपत नगर की रहने वाली एक युवती भी कारोबारी की मित्र थी।
पूछताछ में युवती ने पुलिस को बताया था कि कारोबारी ने उससे 50 से 60 लाख रुपये ले रखे थे और अपनी प्रॉपर्टी में इंवेस्ट किए हुए थे। हालांकि पुलिस उसकी बात पर विश्वास नहीं कर रही है।
पुलिस तफ्तीश में यह बात भी सामने आई है कि कारोबारी ने किसी भी महिला मित्र को प्रॉपर्टी नहीं दी थी। कारोबारी के मैनेजर रमेश ने पुलिस को बताया था कि कारोबारी खुद अपने नाम से प्रॉपर्टी खरीदता था।
पत्नी के खिलाफ दर्ज कराया था मामला
कारोबारी हर तरीके से परिवार के सदस्य को टॉर्चर करता था। उसकी ज्यादतियों के चलते दोनों बेटों की पत्नियां छोड़कर चली गई थीं। नितेश ने दूसरी शादी पंजाब की एक युवती से की थी और दोनों का एक बेटा है।
कारोबारी परिवार के हर सदस्य को वह डांटता रहता था। वह पत्नी को हमेशा छोड़ने के लिए कहता था। पुलिस ने उनके वकील से पूछताछ की है। वकील ने बताया था कि कारोबारी ने कभी भी तलाक के लिए कोई याचिका दायर नहीं की थी।
कारोबारी ने पत्नी रमेश कुमारी के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में जालसाजी की शिकायत दी थी। शिकायत में कारोबारी ने कहा था कि फर्जी साइन कर चेक कैश कराए गए हैं। आर्थिक अपराध शाखा ने कारोबारी और उसकी पत्नी को पूछताछ के लिए बुलाया था।