ज्ञानवापी प्रकरण में श्रंगार गौरी की नियमित पूजा पर सुनवाई को हाई कोर्ट ने दी हरी झंडी

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में मां श्रृंगार गौरी समय देवी देवताओं की नियमित पूजा का अधिकार दिए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर जिला जज की अदालत में सुनवाई जारी रहेगी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है । न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की एकल पीठ ने बुधवार को अंजुमन इंतजा मियां की ओर से दाखिल याचिका खारिज कर दी

मंदिर पक्ष की ओर से कहा गया कि जहां आस्तीन गुंबदे वही श्रृंगार गौरी हनुमान और कृतिबास मंदिर से थे मंदिर पक्ष में इसके लिए नक्शा भी पेश किया। साथ ही यह भी बताया गया कि किसी भी इस्लामिक इतिहासकार में ज्ञानवापी मस्जिद का जिक्र नहीं किया है और तथाकथित आलमगीर मस्जिद विवादित स्थल से 3 किलोमीटर दूर है । मंदिर पक्ष की ओर से बताया गया कि तब कई मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी

कमेटी ने जिला अदालत में आपत्ति जताते हुए कहा था कि उपासना स्थल कानून 1991 के उपवन दोपहर उसको वाद सुनने का अधिकार नहीं है लेकिन जिलाधिकारी अदालत में याचिका खारिज होने के बाद कमेटी आदेश को चुनौती देने हाईकोर्ट गई थी और वहां तर्क दिया कि नियमित पूजा प्रतिबंधित है क्योंकि पूजा करने से स्थल की धार्मिक प्रकृति से छेड़छाड़ होगी जो गैरकानूनी है ऐसे में नियमित पूजा की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए हाई कोर्ट 23 दिसंबर 2022 को फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसको अब दिया गया है इंतजा मियां के वकील एसएफए नकवी ने कहा हम फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे