नई दिल्ली।। नीतीश कुमार गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी पर इतने आक्रामक क्यों हैं? जब यह सवाल जेडीयू के एक सीनियर नेता से पूछा गया तो उन्होंने कहा- अभी तक राजनीति में दो तरह के लोगों की मिसालें दी जाती रही हैं। एक गेम चेंज करने वाला और दूसरा गेम बनाने वाला। यह तीसरे तरह का प्रयोग है यानी गेम बिगाड़ने वाला। लीडर के मुताबिक, नीतीश कुमार मोदी का गेम बिगाड़ेंगे। नीतीश ऐसा देश हित में करेंगे और इसमें उनका कोई व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं है।
इस दिलचस्प बयान के बाद सवाल उठना लाजिमी है कि क्या नीतीश कुमार वास्तव में मोदी का गेम बिगाड़ सकते हैं? नीतीश बनाम मोदी की यह ताजी लड़ाई 2014 आम चुनाव से पहले राजनीतिक ध्रुवीकरण को नया शक्ल दे सकती है।
नीतीश का बढ़ेगा कद?
नीतीश कुमार दो तरह की विचारधाराओं को एक साथ जोड़ने की कोशिश में हैं। पहला सेकुलर या धर्मनिरपेक्ष होने का मुद्दा। इससे वह जहां सेकुलर इमेज प्रोजेक्ट करने वाली पार्टियों के बीच सबसे बड़े नेता के रूप में सामने आना चाहते हैं। दूसरा, वह पिछड़े राज्यों को एक मंच पर आने का संकेत देकर तीसरे मोर्चा की संभावना का दांव भी खेल चुके हैं।
अभी क्या करेंगे?
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार एनडीए से अलग होने की कोई हड़बड़ी नहीं दिखाएंगे। वह मोदी पर हमला करेंगे लेकिन बीजेपी पर नरम रुख बनाए रखेंगे। जानकार मानते हैं कि मोदी की कीमत पर नीतीश की बात को बीजेपी के अंदर तरजीह मिले, इस पर संदेह है। ऐसे में नीतीश बीजेपी से सुनना पसंद करेंगे कि वह गठबंधन छोड़ दें। ऐसा इसलिए ताकि वह राजनीतिक संदेश दे सकें कि वह गठबंधन छोड़ नहीं रहे हैं, बल्कि उन्हें मजबूर किया जा रहा है।