नई दिल्ली। सारधा समूह के चिट फंड घोटाले में कंपनी के चेयरमैन सुदीप्त सेन का पूरा साथ देने वाली देवजानी मुखर्जी ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ते हुए सरकारी गवाह बनने के संकेत दिए हैं।
सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक देवजानी इस मामले में सरकारी गवाह बन सकती हैं। देवजानी ने इस पूरे घोटाले का ठीकरा सुदीप्त सेन के सिर फोड़ते हुए उसको पूरे मामले का जिम्मेदार ठहराया है।
सारधा समूह में एक रिसेप्शनिस्ट के तौर पर नियुक्त होने वाली देवजानी मुखर्जी काफी कम समय में ही कंपनी की निदेशक बन गई थी। देवजानी कई कार्यक्रमों में सुदीप्त के साथ नजर आती थीं। निदेशक बनने के बाद देवजानी कीमती साड़ियों में नजर आने लगी। हालांकि महानगर स्थित ढाकुरिया की 27 वर्षीय देवजानी एयर होस्टेस बनना चाहती थीं। इसके लिए बकायदा प्रशिक्षण भी लिया था, लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका।
गौरतलब है कि वर्ष 2007 में देवजानी ने 64 शेक्सपियर सारणी, कोलकाता में सारधा टूर एंड ट्रैवेल्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय में रिसेप्शनिस्ट व टेलीफोन ऑपरेटर के तौर पर काम संभाला था। इसके बाद वर्ष 2011 में कंपनी के निदेशक का पद संभालने के बाद देवजानी कंपनी के दूसरे स्थान पर पहुंच गई। देवजानी को कई बार देर रात तक सुदीप्त के साथ ऑफिस में ही रुकना पड़ता था।
बताया जाता है कि देवजानी ढाकुरिया पूजा कमेटी की सदस्या भी थीं, इसलिए बीते वर्ष उसने पूजा में काफी खर्च भी किया था। देवजानी के पिता तेल का व्यापार करते थे और उनका बिजनेस काफी अच्छा चलता था लेकिन अचानक परिवार की आर्थिक हालत बिगड़ने के बाद उसके पिता ने एक दुकान का काम संभाल लिया। इसके बाद उनके पास देवजानी ही कमाई का एकमात्र जरिया रह गई थी। इसलिए देवजानी ने अपनी मां के साथ मिलकर घर-घर अचार बेचना शुरू कर दिया।