लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लिए 3 हजार करोड़ की परियोजना को हरी झंड़ी तो दिखाई लेकिन लखनऊ से। उन्होंने नोएडा आकर प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखाने से परहेज रखा।
3337 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की शुरुआत करते हुए अखिलेश ने कहा कि नोएडा और आसपास की तीन अथॉरिटी का बजट दिल्ली के बजट के बराबर है इसलिए उसे विकास कार्य में लगाया जाना चाहिए।
हालांकि नोएडा के बजाए लखनऊ से उद्घाटन पर सवाल भी उठ रहे हैं। कहा जाता है कि बीते 25 साल में जिस भी मुख्यमंत्री ने नोएडा का दौरा किया उसने अपनी कुर्सी गंवा दी। मगर समाजवादी पार्टी ने ऐसे किसी डर से इनकार किया। सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि अपशगुन जैसी कोई बात नहीं है।
गौर करने लायक बात है कि मुख्यमंत्री के तौर पर जो भी नेता नोएडा गया दोबारा राज्य का मुख्यमंत्री नहीं बन पाया। इसमें वीर बहादुर सिंह, नारायणदत्त तिवारी, कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह जैसे नाम शामिल हैं। ये सभी अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा गए थे और उसके बाद दोबारा मुख्य मंत्री नहीं बने। साल 2007 से सत्ताि में आईं मायावती भी कई साल तक नोएडा नहीं गईं। मायवती 2011 के आखिर में नोएडा गईं और सत्ता गंवा दी।