हिमाचल प्रदेश के छोटे से गाँव मुस्करा पीएसची के खड़ेहीलोधन गांव के एएनएम सेंटर पर बुधवार को बीसीजी का टीका लगाए जाने के दो घंटे बाद जुड़वा शिशुओं में एक की मौत हो गई।
इस पर गांववालों ने हंगामा खड़ा कर दिया। ये लोग मुआवजे की मांग कर रहे थे। प्रभारी चिकित्साधिकारी ने यह समझाकर इन्हें शांत किया कि शिशु की मौत कमजोरी से हुई है, टीके में कमी होती तो दूसरा शिशु भी प्रभावित होता।
गांव के दौलत बाल्मीकि की पत्नी सरोज ने तीन दिन पूर्व राठ सीएचसी में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। बुधवार को जिले के सभी एएनएम सेंटरों पर बच्चों के टीकाकरण का अभियान चल रहा था।
खडे़हीलोधन सेंटर पर एएनएम सुनीता सिंह व आशा बहू अनुसुइया देवी, आशा देवी, प्रेमलता, पार्वती आदि टीके लगा रही थीं।
सरोज के बच्चों की दादी सविता दोपहर करीब 12 बजे सेंटर पहुंची। वहां शिशुओं को बीसीजी का टीका लगवाकर घर लौट गईं। दो घंटे बाद एक शिशु की मौत हो गई।
इस पर दौलत बाल्मीकि ने गांव के लोगों के साथ एएनएम सेंटर जाकर टीकाकरण बंद करा दिया।
ग्रामीणों के हंगामा करने पर एएनएम सुनीता ने प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. कौशलेंद्र कुमार मिश्रा को जानकारी दी। डॉ. मिश्रा थानाध्यक्ष लोकेंद्र पाल सिंह को साथ लेकर मौके पर पहुंचे।
उन्होंने मुआवजा मांग रहे लोगों को बताया कि जन्म के समय शिशु का वजन मात्र पौने दो किलो था। पहले से कमजोर होने के चलते उसकी मौत हुई है। टीके से इसका कोई संबंध नहीं है।
इसके बाद करीब तीन बजे सेंटर पर मौजूद एएनएम को साथ लेकर अधिकारी चले गए। इसके बाद गांववाले भी लौट गए।