अगर आप यह सोचते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर का खतरा सिर्फ महिलाओं के लिए ही है तो आप गलत हैं। यह केवल महिलाओं को ही नहीं होता बल्कि इसका खतरा पुरुषों के लिए भी उतना ही है।
दरअसल पुरुषों के शरीर में भी बहुत थोड़ी मात्रा में स्तन की कोशिकाएं होती हैं, जिनमें कई बार अप्राकृतिक रूप से वृद्धि होती है जो ब्रेस्ट कैंसर की वजह हो सकती है। आइए जानें, पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े अहम पहलुओं के बारे में।
कितना है रिस्क
ब्रेस्ट कैंसर का महिलाओं में जितना सामान्य है, पुरुषों में उतना सामान्य तो नहीं है लेकिन पुरुषों में यह अधिक गंभीर है। हां, इसका सही समय पर पता लग जाए तो इसका उपचार पुरुषों और महिलाओं, दोनों के लिए एक तरह का ही है और इसका उपचार संभव है।
ये हो सकते हैं कारण
हालांकि ब्रेस्ट कैंसर के सटीक कारणों के बारे में एकमत नहीं है फिर भी पुरुषों में इसे हार्मोनल बदलावों से जोड़कर देखा जाता है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन उम्रदराज पुरुषों में इसकी आशंका अधिक रहती है। अधिकतर ब्रेस्ट कैंसर के पूछे ये संभावनाएं हो सकती हैं –
– परिवार में किसी को पहले से यह रोग हो।
– परिवार का कोई सदस्य या करीबी रिश्तेदार के दोनों ब्रेस्ट में कैंसर हो।
– या फिर 40 साल से कम उम्र में किसी रिश्तेदार या परिवार के सदस्य को कैंसर हो जाए। �
क्या हैं लक्षण
– सीने पर निप्पल्स के आस-पास की त्वचा का रंग बदल जाता है और त्वचा सख्त होने लगती है।
– सीने पर सूजन, निप्पल्स के आस-पास गठान बनने लगती है।
– निपल्लस से डिस्चार्ट शुरू हो सकता है।
कैसे पहचानें
खुद से जाँचें – प्राथमिक स्तर पर दो तरह से आप इसकी पहचान कर सकते हैं। सीने पर निपल्लस के पास दो उंगलियां रखें और इन्हें चारो तरफ गोल-गोल घुमाएं। इस दौरान अगर आपको इस भाग के आस-पास किसी गठान का एहसास होता है तो तुरंत चिकित्सक से मिलें।
प्रचलित तकनीक – ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए मैमोग्राम स्क्रीनिंग, अल्ट्रासाउंड, बायोप्सी और एस्ट्रोजेन व प्रोगेस्टेरोन जैसे परीक्षण प्रचलित हैं। प्राथमिक जांच के अलावा, अगर परिवार में किसी की भी कैंसर की मेडिकल हिस्ट्री हो तो डॉक्टर के परामर्श से इन परीक्षणों से आप इसकी पुष्टि कर सकते हैं।
सही समय पर इनकी पहचान होने से इस कैंसर का इलाज संभव है इसलिए इसके लक्षणों को पहचनने के बाद तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और इसका उपचार करवाएं।