बिजली के बढ़े हुए बिल के खिलाफ अनशन के ग्यारहवें दिन भी जारी रहने के बीच आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को सामाजिक कार्यकर्ता अरूणा रॉय और मेधा पाटकर का समर्थन मिला है.
विभिन्न मुद्दों को लेकर उनका केजरीवाल से मतभेद रहा है.
रॉय के नेतृत्व वाला मजदूर किसान शक्ति संगठन और पाटकर के नेतृत्व वाले नेशनल अलायंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट ने अलग-अलग बयान जारी कर केजरीवाल के अनशन का समर्थन किया जो राजधानी में निजी बिजली कंपनियों की ऑडिट कैग से कराये जाने की मांग कर रहे हैं.
लोकपाल बिल को लेकर रॉय का केजरीवाल से मतभेद रहा है जबकि अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार रोधी आंदोलन से अलग हटकर राजनीतिक पार्टी बनाने को लेकर पाटकर का केजरीवाल से मतभेद हुआ.
हजारे ने भी केजरीवाल को अपना समर्थन दिया और सुंदरनगरी का दौरा किया जहां केजरीवाल अनशन पर बैठे हैं. उन्होंने ‘आप’ के नेता से अनशन खत्म करने की भी अपील की.
रॉय, निखिल डे और शंकर सिंह के दस्तखत किए गए बयान में एमकेएसएस ने कहा कि ‘‘मनमाने तरीके से’’ बढ़ाए गए उच्च बिजली दर के बारे में सक्षम निकाय से स्वतंत्र और विस्तृत जांच की जरूरत है.
एनएपीएम ने अपने बयान में कहा कि बिजली और पानी के बिलों के बारे में जवाबदेही, पारदर्शिता के लिए कैग के ऑडिट कराने के ‘आप’ के आह्वान का वह समर्थन करता है.