सरकारी बाबुओं को काम को जानबूझकर लटकाना अब भारी पड़ेगा. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में गुरुवार को सिटिजन चार्टर बिल को मंजूरी मिल गई है.
बिल के तहत अब वक्त पर काम न करने पर सरकारी कर्मचारियों पर जुर्माना लगेगा.
ये कानून केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए लागू होगा.
इस बिल के अंतर्गत पेंशन, जाति प्रमाणपत्र, राशन कार्ड, टैक्स रिफंड जैसी कई सेवाओं में देरी करने पर जुर्माना लगाया जाएगा.
सेवाओं में देरी करने पर 250 रुपए से 50 हजार रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है.
बिल के दायरे में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप और सरकार से सहायता प्राप्त एनजीओ भी होंगे.
रेप कानून में बदलाव पर नहीं हुई चर्चा
वहीं, कैबिनेट की बैठक में गुरुवार को बलात्कार कानून में बदलाव को लेकर चर्चा नहीं हुई. बैठक में यौन संबंध बनाने की उम्र सीमा 18 से 16 साल करने पर विचार होना था लेकिन फिलहाल इस चर्चा को टाल दिया गया है.
दिल्ली गैंगरेप के बाद सरकार ने बलात्कार कानून में बदलाव के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस जे एस वर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी. कमेटी के सुझावों पर गृह मंत्रालय रेप कानून में बदलाव पर विचार कर रहा है.