महिलाओं की सुरक्षा के लिए बना एंटी रेप बिल गुरुवार को राज्यसभा में भी पास हो गया. अब इसे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास भेजा जाएगा.
अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही यह बिल कानून का रुप ले लेगा.
इस बिल के पास होने के बाद कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा कि यह कानून बहुत ऐतिहासिक है, इससे महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने में मदद मिलेगी. वहीं कृष्णा तीरथ ने कहा कि सहमति से सेक्स की उम्र 18 मानी गई है, इससे महिलाएं काफी सुरक्षित महसूस करेंगी.
लोकसभा में पहले ही पारित
गौरतलब है कि जस्टिस जेएस वर्मा समिति, संसद की स्थायी समिति और सर्वदलीय बैठक की प्रक्रिया के बाद इस विधेयक को अंतिम रूप देकर मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया था.
लोकसभा में बिल पेश करते हुए गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने दिल्ली में चलती बस में गैंग रेप की शिकार लड़की का जिक्र किया और सांसदों से अपील की कि बिल को पास कर बहादुर लड़की को श्रद्धांजलि दें.
शिंदे ने महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए बिल में किए गए प्रावधानों का जिक्र किया. उन्होंने कहा था कि रेप की परिभाषा को और व्यापक किया गया. पहली बार उन चीजों का भी उल्लेख किया गया है जो अब तक कानून में शामिल नहीं था.
वोटिंग के दौरान जमकर हंगामा हुआ और एसिड अटैक पर उम्रकैद की मांग का संशोधन गिरा दिया गया. इस प्रस्तावित बिल में बाल तस्करी पर 20 साल की सजा देने का भी संशोधन गिराया गया.
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने गीतिका शर्मा केस का उदाहरण दिया. उन्होंने सरकार पर पीछा करने पर भी सख्त सजा देने का दबाव बनाया.
बिल में सहमति से सेक्स की उम्र को 18 साल ही रखी गई है. उधर बिल में रेप के लिए न्यूनतम 20 साल की सजा की गई है. पहली बार पीछा करने पर जमानती अपराध होगा और दूसरी बार पीछा करने पर गैर जमानती अपराध माना जाएगा.