भाजपा नोएडा सोशल मीडिया प्रभारी ने अरुण यादव को भाजपा युवा में प्रदेश मंत्री बनने पर दी विधायक बनने की शुभकामना तो मच गया बवाल

भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी का गठन होने के बाद ग्रेटर नोएडा वेस्ट से भाजपा जिला अध्यक्ष अरुण यादव को प्रदेश मंत्री बनाए जाने की बधाइयां मिलनी शुरू हुई लेकिन इसी बधाई में एक बधाई ने पूरे जिले की राजनीति को गरमा दिया है भाजपा सोशल मीडिया कन्वेयर शिवांश श्रीवास्तव ने अरुण यादव को बधाई देते हुए कहा कि ईश्वर करे कि तुम जल्दी विधायक बनो यह दिल मांगे मोर

शिवांश श्रीवास्तव के ट्विटर पर बधाई देने और उनके विधायक बनने की शुभकामना करने के साथ ही जिले की राजनीति में तमाम चर्चाएं होने लगी गौतम बुध नगर में अरुण यादव को लेकर संगठन में पूछा जाने लगा जिसके बाद लोगों ने कयास लगाने शुरू कर दिए कि आखिर अरुण यादव कहां से चुनाव लड़ेंगे भाजपा संगठन में अरुण यादव को लेकर इसलिए भी चर्चाएं ज्यादा होने लगी क्योंकि बीते दिनों जेवर से भी ठाकुर और गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र होने के बावजूद एक जाट प्रत्याशी अमित चौधरी को तमाम जातीय विरोध के बाबजूद ना सिर्फ बना प्रत्याशी बनाया गया बल्कि उनको जिताया गया । भाजपा में ब्राह्मण जातीय गोलबंदी तोड़ने के लिए इस तरह के प्रयोग पूर्व में नोएडा सीट पर पंकज सिंह को उतार कर भी हो चुके है ऐसे में गौतम बुध नगर में यादव का बहुमत ना होने के बावजूद क्या अरुण यादव को किसी एक सीट से विधायक बनाया जा सकता है इसकी चर्चाएं होने लगी है लोग यह मान रहे हैं कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक बड़े हिस्से में यादवों को साधने के लिए जिले की किसी भी सुरक्षित सीट से अरुण यादव को भी भाजपा उतार सकती है ।
एनसीआर खबर ने इस मामले को लेकर जब ट्वीट करने वाले शिवांश श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने कहा कि अरुण यादव के संघ के प्रति समर्पण और उनके कार्य प्रणाली को देखते हुए उनको ऐसा लगता है कि वह भविष्य में भाजपा के टिकट पर विधायक बन सकते हैं
आपको बता दें कि मैं 29 साल की उम्र में अरुण यादव संघ और भाजपा में अपना स्थान बनाने में सफल रहे हैं भारतीय जनता युवा मोर्चा प्रदेश कार्यकारिणी में उनके पास क्षेत्रीय उपाध्यक्ष का दायित्व पहले भी रहा है और गौतम बुध नगर में भी हो जिला अध्यक्ष के पद पर वर्तमान में हैं बृजवासी अरुण खेड़ा गांव के रहने वाले हैं और राष्ट्रीय संघ सेवक संघ में विद्यार्थी प्रमुख की जिम्मेदारी निभा चुके हैं ऐसे में अरुण यादव को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अंदर यादव मतदाताओं को रिझाने कि भाजपा की रणनीति को लेकर भी कयास लगाए जाने शुरू हो गए है और उनके नाम के आने से तमाम जातीय समीकरण एक बार फिर से बिगड़ने और बनने की कवायद भी शुरू हो गई है