नई दिल्ली । वसंत विहार गैंगरेप के मुख्य आरोपी राम सिंह के पिता मांगे लाल ने बताया कि उसका बेटा खुदकुशी नहीं कर सकता। उसका एक हाथ काम नहीं करता था फिर वह कैसे फांसी लगा सकता है। उसने जेल प्रशासन पर यह आरोप भी लगाया कि राम सिंह उससे कहता था कि जेल में उसके साथ मार-पीट होती थी। उसने यह भी आरोप लगाया कि उसके बेटे ने उसे जान का खतरा होने की बात बताई थी।
राम सिंह के घर संत रविदास कैंप में पुलिस ने सुबह से ही सुरक्षा व्यवस्था चुस्त कर दी थी। रोज की तरह यहां के लोग अपने घरों के काम में व्यस्त थे लेकिन पुलिस की गश्त और मीडिया वालों के आने के बाद यहां गहमा-गहमी बढ़ गई। सब राम सिंह के घर वालों को खोज रहे थे। उनके पड़ोसी भी इस घटना के संबंध में जानकारी देने से बच रहे थे। आरोपी पवन और विनय के परिवार को जानने वाले श्रीनिवास शर्मा का कहना है कि वह विनय के परिवार को लगभग 18 साल से और पवन के परिवार को आठ साल से जानते हैं। वह वास्तविकता से अपने को अनजान बताते हैं लेकिन राम सिंह की आत्महत्या के मामले में उनका कहना है कि शर्म के कारण हो सकता है उसने ऐसा कदम उठाया हो।
आरोपी के परिजनों को है चिंता
इस घटना के बाद राम सिंह के पड़ोसी आरोपी पवन और विनय के परिजन भी अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। बस्ती की रहने वाली आरोपी विनय की मां चमेली देवी का कहना है कि विनय परिवार की आर्थिक मदद करता था। उसके पिता एयरपोर्ट पर मजदूरी करते हैं। उसकी दो बहन और एक भाई है। उन्हे जेल में कोई हानि न पहुंचाए इसकी चिंता है। उनका कहना हैे कि मुझे रामसिंह की स्थिति देखकर ऐसा नहीं लगता कि उसने आत्महत्या की होगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हम महीने में लगभग तीन बार मिलने जाते हैं लेकिन विनय ने कभी भी अपनी सुरक्षा को लेकर कुछ नहीं कहा उसने इस बारे में भी नहीं बताया कि उसके साथ मारपीट या किसी तरह का बुरा बर्ताव जेल में हुआ।
तिहाड़ में पीले पडे़ साथियों के चेहरे
वसंत विहार गैंगरेप कांड के मुख्य आरोपी राम सिंह की मौत की खबर से उसके साथियों (अन्य चार आरोपियों) के चेहरे पीले पड़ गए। जेल सूत्रों की मानें तो सुबह जब उन्होंने खबर सुनी तो वे समझ ही नहीं पाए कि यह कैसे हुआ। तिहाड़ जेल के सूत्रों के मुताबिक राम सिंह का भाई मुकेश व अक्षय ठाकुर को जेल-4 के वार्ड-15 में रखा गया है। जबकि दो अन्य आरोपियों पवन व विनय को जेल-7 के वार्ड-1 में रखा गया है। जेल अधिकारियों का कहना है कि इस बात का डर है कि कहीं वह भी आत्महत्या जैसा कदम न उठा लें, इसलिए सभी के साथ तीन-तीन कैदी भी हैं। सूत्रों ने बताया कि आरोपियों ने दिन में ठीक से खाना भी नहीं खाया। जेल में उनसे मिलने उनके माता-पिता व परिवार के लोग आते थे, लेकिन सोमवार को कोई नहीं आया। आरोपियों को सेल से बाहर नहीं निकलने दिया जाता है।