लखनऊ. जिस समय मायावती मूर्तियों पर पानी की तरह पैसा बहा रही थीं, उस समय विपक्ष में बैठी समाजवादी पार्टी जमकर उनकी आलोचना करती थी। उन पर जनता के धन का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया जाता था। पिछले साल मार्च में जब अखिलेश सरकार बनीं तो लगा कि जनता के दिन फिर जाएंगे, लेकिन नतीजा शून्य रहा। सपा सरकार की अगुवाई कर रहे अखिलेश पर करोड़ों पैसे बर्बाद करने का आरोप लगा है। उन पर सरकारी समारोहों, अनावश्यक योजनाओं, विज्ञापनों और मुआवजे में करोड़ों रुपए बांटने का आरोप है।
हाल ही में आरटीआई द्वारा यह खुलासा हुआ है कि बेरोजगारी भत्ता योजना के लाभार्थियों के बीच बांटी गई राशि से कहीं ज्यादा पैसा वितरण कार्यक्रमों पर खर्च हुआ है। उर्वशी शर्मा की ओर से दाखिल आवेदन के जवाब में प्रशिक्षण एवं रोजगार निदेशालय ने विभिन्न जगहों पर हुए कार्यक्रमों पर 12.29 करोड़ रुपये खर्च होने की बात कही है। इसके विपरीत, नवंबर 2012 तक सरकार ने बेरोजगार युवाओं के बीच 8.54 करोड़ रुपये वितरित किया है। रोजगार निदेशालय का कहना है कि 15 मार्च से 14 नवंबर 2012 के बीच 8.54 करोड़ रुपये का वितरण किया गया, लेकिन 234,240 बेरोजगारों के बीच बांटे गए 192 करोड़ रुपये का आधिकारिक ब्योरा जारी होना अभी बाकी है।