नई दिल्ली. एनडीए के दो पीएम पद के दावेदार नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार 17 मार्च को ‘आमने-सामने’ होंगे। हालांकि दोनों नेताओं का सामना एक ही शहर में नहीं होगा। इस दिन मोदी की मुंबई के सोमैया मैदान में रैली होगी तो नीतीश दिल्ली के रामलीला मैदान में भीड़ जुटाएंगे। राजनीतिक विश्लेषकों की नजर दोनों रैलियों पर है। हालांकि दोनों नेता पीएम पद के दावेदारी पर चुप्पी बनाए हुए हैं लेकिन अपने समर्थकों के बयानों से बार-बार चर्चा में बने रहते हैं। 17 मार्च से पहले ही मोदी को बीजेपी के संसदीय बोर्ड में शामिल कर चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख भी बनाया जा सकता है।
एनडीए के प्रमुख घटक दल जद यू के नेता नीतीश हाल के दिनों में मोदी के सबसे मुखर विरोधी बनकर उभरे हैं मुंबई बीजेपी की स्थानीय इकाई मोदी के सम्मान में एक रैली आयोजित कर रही है हालांकि यह रैली सम्मान समारोह से ज्यादा मोदी का शक्ति प्रदर्शन ही होगा। वहीं नीतीश की रैली बिहार को विशेष दर्जा दिलाने की मांग में है। इन रैलियों से यह भी साफ हो जाएगा कि दोनों नेता अपने राज्यों से बाहर कितने लोकप्रिय हैं।
मुंबई बीजेपी मोदी की रैली में नीतीश की रैली से ज्यादा भीड़ जुटाने के लिए लगी हुई है। मुंबई बीजेपी अध्यक्ष राज पुरोहित रैली की पूरी कोशिश है कि मुंबई में मोदी की पहली रैली ही ऐतिहासिक बन जाए। दिल्ली में श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में मोदी के भाषण की चारों ओर प्रशंसा होने के बाद पार्टी के स्थानीय नेताओं को उम्मीद है कि रैली में जबरदस्त भीड़ आएगी।
जद यू भी दिल्ली में नीतीश की रैली को सफल बनाने के लिए जबरदस्त तैयारी कर रहा है। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि कल्याणपुर उपचुनाव के बाद उनका पूरा ध्यान दिल्ली रैली पर है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कम-से-कम बिहार के 20 लाख लोग रहते हैं। इसके अलावा रैली में बिहार से भी लोगों के आने की संभावना है। नीतीश ने पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे बिहार के लोगों से संपर्क कर उन्हें संगठित करें।