हैदराबाद। हैदराबाद में गुरुवार को हुए बम धमाकों ने कपड़ा व्यापारी अमानुल्ला खान के हज के सपने को हकीकत में नहीं बदलने दिया। वह यह अरमान दिल में लिए ही दुनिया से विदा हो गए। धमाकों में मारे गए लोगों में अमानुल्ला भी एक हैं।
धमाके से थोड़ी देर पहले गुरुवार शाम करीब 5.30 बजे फोन से उन्होंने घर पर बात की थी। कहा था, मैं कुछ काम से दिलसुख नगर जा रहा हूं। उसे पूरा करने के बाद घर वापस आऊंगा। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। परिजन उनकी बाट जोहते रहे, पर वह घर नहीं पहुंचे, मिली तो उनकी मौत की खबर। उनके बेटे कामरान ने बताया कि किस्मत में कुछ और ही लिखा था। धमाकों के बाद उनको कई बार फोन किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। हमें उस्मानिया जिला अस्पताल केशवगृह में उनका पार्थिव शरीर मिला। उन्होंने कहा, हम सभी अस्पतालों में अपने पिता को ढूंढ़ रहे थे, शुक्रवार सुबह जब हम उस्मानिया अस्पताल पहुंचे तब हमें पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है। मुश्किल से आंसुओं को रोके कामरान ने बताया कि हमारी इकलौती बहन की शादी के बाद पिता की इच्छा हज करने की थी।
पूरी तरह विकलांग हुए पीड़ितों को छह लाख मुआवजा
राज्य सरकार ने बम धमाकों में पूरी तरह विकलांग हुए लोगों के लिए शुक्रवार को छह लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की। सरकार धमाकों में मारे गए लोगों के परिजनों को छह लाख रुपये देने की घोषणा पहले ही कर चुकी है।
संदिग्धों की सूचना देने वाले को 20 लाख तक का इनाम
धमाकों के संदिग्धों के बारे में सूचना देने वाले को 20 लाख रुपये तक का इनाम दिया जाएगा। साइबराबाद की पुलिस आयुक्त डी त्रिमुला राव ने शुक्रवार को इसका एलान किया।