(फेसबुक लघु कथाएं)
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नबाब साहब का बेटा और समाज
बहुत समय पहले की बात है नबाब साहब का लड़का रंगरलियां मनाया पकड़ा गया शहर के कोठो पर सभी शरीफ…
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हिंदी की आज जो दशा है सब बच्चन जी के कारण है : के के अस्थाना
के के अस्थाना । अब जा कर पता लगा कि हिंदी की आज जो हालत है वह आखिर है क्यों…
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बारिश हो रही हो तो ऐसे नए पुलों पर संभल कर चलना !”सुभाष लखेड़ा
राजा विक्रम को नौवीं बार आते देख बेताल सोचने लगा कि आज कौन सा सवाल पूछूँ ताकि यह जिद्दी राजा…
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कथा से जन्मी कथा: सुभाष लखेड़ा
कथा से जन्मी कथा: रात ठीक 12. 55 बजे मोबाइल घनघनाया तो मैंने उसे तपाक से उठाया और हरा बटन…
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