

जानकारी के अनुसार, सोमवार शाम करीब पौने पांच बजे महिला प्रेस क्लब में भूषण और नर्मदा बचाओ आंदोलन के आलोक कुमार की प्रेस कॉन्फ्रेंस चल रही थी। इसी दौरान विष्णु गुप्ता पर्चे लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में घुस गया और नारेबाजी करने लगा। उसने ‘प्रशांत भूषण देश के गद्दार हैं.. उन्हें देश में रहने का कोई अधिकार नहीं है….’ जैसे नारे लगाए। उसने प्रशांत भूषण पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह अमेरिकी एजेंट हैं और देश के लिए खतरनाक हैं।
प्रशांत भूषण का विवादित बयान
प्रशांत भूषण ने छह जनवरी को कहा था कि अगर केंद्र में उनकी पार्टी की सरकार बनती है तो कश्मीर में जनमत संग्रह कराया जा सकता है। यह इस बारे में होगा कि क्या वहां की जनता सेना की तैनाती और सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (एएफएसपीए) चाहती है या नहीं? यह दूसरा मौका था जब भूषण ने कश्मीर में किसी तरह के जनमत संग्रह की बात कही है। भूषण ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था- जनता से पूछा जाना चाहिए कि क्या कश्मीर की आंतरिक सुरक्षा सेना संभाले? जिस फैसले को जनसमर्थन नहीं हो, वह अलोकतांत्रिक है। अगर जनता को लगता है कि सेना मानवाधिकार का हनन कर रही है और सेना नहीं चाहिए तो उसे वहां से हटा लेना चाहिए। इस बारे में जनमत संग्रह होना। भूषण के इस बयान से ‘आप’ के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने यह कहते हुए किनारा कर लिया था कि यह उनकी निजी राय है और कश्मीर से सेना हटाने का फैसला जनमत संग्रह के आधार पर नहीं हो सकता है।