उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस-प्रशासन को कार्रवाई करने से रोककर दंगे को बढ़ाने का काम किया। सरकार ने मुजफ्फरनगर पुलिस-प्रशासन को दंगे पर कोई कार्रवाई नहीं करने दी।
मुजफ्फरनगर-शामली में हुए सांप्रदायिक दंगे पर केंद्रीय एजेंसी (आईबी मुजफ्फरनगर) ने कई अहम खुलासे किए हैं।
आईबी ने सरकार की नीतियों के चलते न सिर्फ मुजफ्फरनगर, बल्कि मेरठ के शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ा सांप्रदायिक दंगा भड़कने की आशंका भी जताई है।
आईबी रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल मेरठ के ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा के बंदोबस्त पर्याप्त नहीं हैं।
आईबी सूत्रों से मिली जानकारी के तहत आईबी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है महापंचायत से ट्रैक्टर-ट्रॉली में भर कर लौट रहे लोगों पर जौली गंगनहर के पास बड़ा हमला हुआ। जिसमें काफी संख्या में लोग हताहत हुए।
आईबी की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस एक पक्ष के लोगों के ज्यादा मरने की रिपोर्ट पेश कर रहा है, जबकि दूसरे पक्ष के भी लोग मारे गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार जौली मामले में पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई भी नहीं की है।
आईबी ने ये आशंका जताई है कि सरकार की नीतियों के चलते मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक हालात फिर बिगड़ सकते हैं।
पूरी तरह से सुनियोजित था दंगा
आईबी सूत्रों के अनुसार मुजफ्फरनगर दंगा पूरी तरह से सुनियोजित था। मुजफ्फरनगर स्थित कवाल में तीन लड़कों की मौत के बाद ही अगर पुलिस ने गिरफ्तारी कर ली होती, तो मामला इतना नहीं बढ़ता।
आईबी रिपोर्ट के तहत सरकार में नंबर दो हैसियत वाले एक मंत्री ने पुलिस-प्रशासन को कोई कार्रवाई न करने के आदेश दिए थे।
इस कारण मुजफ्फरनगर पुलिस-प्रशासन ने सात सितंबर को शाहपुर के बसीकलां, मीनाक्षी चौक, शहीद चौक, खालापार, कृष्णापुरी, मिमलाना रोड समेत देहात क्षेत्रों में जहां दंगा भड़कने से रोका जा सकता था, लखनऊ से आदेश न मिलने के कारण कोई कार्रवाई नहीं की।
जैसा आईबी टीम को मुजफ्फरनगर पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने मजबूरी बताई और आईबी ने इसे रिपोर्ट के एडवाइजरी नोट में शामिल किया है।
सुरक्षा इंतजाम को लेकर सवाल
आईबी के अनुसार मेरठ शहर के घंटाघर, बुढ़ाना गेट, गुलमर्ग, भूमिया का पुल, ईदगाह चौराहा, हापुड़ अड्डा समेत सांप्रदायिक क्षेत्रों में कभी भी दंगा हो सकता है। आईबी के अनुसार मेरठ में बलवाई हर दिन साजिश बना रहे हैं।
बीते दिनों में जिसके तहत मेरठ में हालात बिगाड़ने की कोशिश की गई। रिपोर्ट के तहत मुजफ्फरनगर दंगे के बावजूद भी शहर में फोर्स की कमी है, ऐसे में दंगे हुए तो हालात भयावह हो सकते हैं।
शहर से ज्यादा खतरा मुजफ्फरनगर सीमा पर मेरठ से सटे गांवों में है। जहां सुरक्षा का कोई प्लान नहीं है, चौकियों पर नाममात्र के पुलिसकर्मी है। इसे देखते हुए आईबी ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट जारी कर दिया है।