भारतीय रिजर्व बैंक के नए गर्वनर रघुराम राजन के आने के बाद से ही शेयर बाजार से लेकर रुपए की कीमत तक में सुधार देखने को मिला है।
तीन दिन के भीतर ही बीएसई सेंसेक्स में 1000 से अधिक अंकों का उछाल आया है। वहीं शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स एक बार फिर 19,000 अंकों से ऊपर पहुंच गया था।
शुक्रवार को मार्केट बंद होने समय सेंसेक्स 19,270.06 के स्तर पर जाकर बंद हुआ था।
वहीं निफ्टी में भी 87.45 अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की गई और निफ्टी 5,680.40 अंक के स्तर पर बंद हुआ।
तीन दिन के अंदर ही एक डॉलर की तुलना में रुपए की कीमत में अच्छा सुधार आया है।
एक डॉलर की तुलना में रुपए 6 सिंतबर,2013 शुक्रवार को 64.45 के स्तर को छू लिया था। लेकिन शाम तक 77 पैसे की गिरावट के साथ 65.24 रुपए के स्तर पर पहुंच गया था।
जब रघुराम राजन ने आरबीआई के गर्वनर का पद संभाला था तब एक डॉलर की तुलना में रुपए की कीमत 68 पार कर गई थी।
तीन दिन के भीतर ही बाजार में 1000 अंकों की बढ़ोतरी और रुपए की कीमत में लगातार सुधार होना, बाजार के लिए बढ़िया माना जा रहा है।
आरबीआई के इतिहास को देखते हुए सबसे युवा गर्वनर रघुराम राजन से लोगों को काफी उम्मीदें हैं।
बाजार में हुई तीन दिन की सकारात्मक हलचल को आगे तीन साल तक जारी रखना रघुराम राजन के लिए एक चुनौती होगी।
आरबीआई के नए गर्वनर का पद संभालने के बाद रघुराम राजन ने रुपए में सुधार, बैकिंग लाइसेंस, मार्केट सुधार, बैकिंग रिफॉर्म और फाइनेंशियल इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने पर जोर दिया है।
पर आरबीआई की वैश्विक बाजार को नियंत्रित करने के साथ-साथ आरबीआई की साख को बचाना भी उनके लिए प्रमुख चुनौती होगी।
हर तिमाही मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए सीआरआर, रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट को ऐसे तय करना होगा कि बाजार संतुलित बना रहे।
कॉरपोरेट जगत भी उनसे उम्मीद लगाए बैठा है कि बाजार से ऋण लेने की प्रक्रिया भी आसान बनाई जा सकेगी।
साथ ही कम ब्याज पर सभी क्षेत्र के लोगों को आसानी से ऋण उपलब्ध्ा हो सके।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बढ़ते एनपीए को रोकने की भी जिम्मेदारी उनकी होगी।
विदेशी मु्द्रा भंडार को बढ़ाने और चालू खाता घाटे को कम करने के उपाय भी करने होंगे।
रियल एस्टेट सेक्टर, मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र, निर्यातकों सभी को उनके भविष्य के निर्णय प्रभावित करेंगे।