मुजफ्फरनगर- जानसठ क्षेत्र के गांव कवाल में लडकियों से छेडखानी को लेकर शुरू हुए विवाद ने सम्प्रदायिक संघर्ष का रूप ले लिया। इस संघर्ष में एक समुदाय के युवकों ने छेडखानी के आरोपी दूसरे समुदाय के युवक की चाकू घोपकर व गोली मारकर हत्या कर डाली, तो वहीं दूसरे समुदाय के उत्तेजित लोगों ने उक्त दोनों को घेरकर उन्हेंं छुरियों से काट डाला। इतना ही नहीं उक्त दोनों पर छतों से भी पथराव किया गया। साम्प्रदायिक संघर्ष में तीन युवकों की मौत से पूरे क्षेत्र में जबरदस्त तनाव बन गया। कवाल में पूरी
तरह सन्नाटा छा गया, घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के आला अफसर मौके पर पहुंच गये, पूरे गांव को छावनी का रूप देकर तलाशी अभियान चलाया गया। पुलिस ने उक्त मामले में आधा दर्जन लोगों को हिरासत में ले लिया है। गांव में दोनों पक्षों के बीच जबरदस्त तनाव बना हुआ है।
जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव कवाल के मजरा मलिकपुर निवासी गौरव पुत्र रविन्द्र के परिवार की दो लडकियां जानसठ स्थित कालेज में कक्षा दस व बारहवीं की छात्राएं हैं। उक्त दोनों छात्राएं रोजाना गांव कवाल से होकर ही जानसठ जाती थीं। आरोप है कि कवाल निवासी शाहनवाज उर्फ कलवा पुत्र सलीम रोजाना उनके साथ छेडखानी किया करता था। युवतियों ने अपने घर मामले की शिकायत की। जिस पर आज गौरव शाहनवाज से शिकायत करने के लिये कवाल आया।
बताया जाता है कि शाहनवाज ने उसे गाली-गलौच करके वहां से भगा दिया। दोपहर लगभग दो बजे उक्त गौरव अपने ममेरे भाई सचिन पुत्र बिशन सिंह व एक अन्य युवक के साथ बाईक पर सवार होकर फिर कवाल पहुंचा तथा उसने शाहनवाज को अपनी हरकतों से बाज आने के लिये कहा। इसी बात पर शाहनवाज का उक्त तीनों के साथ विवाद हो गया। विवाद के परिणाम स्वरूप तीनों ने शाहनवाज पर चाकू से वार करने शुरू कर दिये। उस पर गोली भी चलाई गई। चाकू और गोली के वार से शाहनवाज गम्भीर रूप से घायल हो गया, जिसकी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाते समय रास्ते में ही मौत हो गई। दूसरी ओर इस घटना से शाहनवाज पक्ष के लोग उत्तेजित हो गये। उन्होंने सचिन और गौरव को घेर लिया, जबकि उनका साथी वहां से भाग निकला। ग्रामीणों ने सचिन और गौरव को छुरी से काट डाला, उन पर छतों से भी पथराव किया गया। इस हमले में दोनों की मौके पर ही
मौत हो गई। लडकी छेडने से शुरू हुआ विवाद साम्प्रदायिक संघर्ष में बदल गया। इस घटना से पूरे गांव में सन्नाटा छा गया तथा तनाव का माहौल बन गया।
समीपवर्ती गांव मलिकपुरा में जब मामले की जानकारी हुई तो वहां से अनेक ग्रामीण कवाल की ओर दौड पडे। आसपास के गांव बेहडा, नंगला मंदौड, जंधेडी और सिखेडा से भी सैंकडों लोग कवाल की ओर चल दिये। उत्तेजित ग्रामीणों ने कवाल में खडी एक कार में आग लगा दी। इसी बीच मामले की जानकारी पाकर जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों तथा भारी पुलिस बल को साथ लेकर कवाल जा पहुंचे। पुलिस ने पूरे गांव की घेराबंदी कर ली। गांव से बाहर निकलने वाले सभी रास्तों को सील करके तलाशी अभियान चलाया गया। बताया जाता है कि आधा दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। बाद में मामले की जानकारी मिलने पर आईजी भावेश कुमार तथा डीआईजी दुर्गाचरण मिश्रा भी मौके पर पहुंचे। समाचार लिखे जाने तक गांव कवाल व आसपास के क्षेत्र में जबरदस्त तनाव बना हुआ है। तनाव को देखते हुए कवाल में पीएसी भी तैनात कर दी गई है। पूरे गांव में कफ्र्यू जैसी स्थिति है। पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भिजवा दिया है।