संत नहीं गृहस्थ हैं आसाराम बापू: शंकराचार्य
नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार के आरोप में फंसे आसाराम बापू को जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती संत या धर्माचार्य नहीं मानते।शंकराचार्य का कहना है कि आसाराम बापू न संत हैं और न ही धर्माचार्य हैं, वह सिर्फ एक गृहस्थ कथा वाचक हैं जो प्रवचन करते हैं।उन पर लगे आरोपों पर कोई टिप्पणी किए बिना शंकराचार्य ने कहा कि समाज को संत और सामान्य गृहस्थ में फर्क करना चाहिए। कथा वाचन और प्रवचन उनका व्यवसाय है। इसी तरह सिर्फ गेरुआ वस्त्र पहनने से भी कोई संत या धर्माचार्य नहीं हो जाता।
शंकराचार्य ने कहा कि पिछले कुछ समय से ऐसे लोग जो संत का चोला धारण करके समाज में अपने कृत्यों के कारण बदनाम हो रहे हैं, उनसे संत समाज की प्रतिष्ठा गिरी है।