पुलिस-प्रशासन के रवैये से तंग महविश और उसके परिजन पहले ही आत्महत्या की धमकी दे चुके थे। बुधवार को जो हुआ, ऐसे हालात क्यों बने। फिलहाल यह जांच का विषय है।
आमिर खान की मुंहबोली बहन महविश और उसके परिजन पूरे घटनाक्रम के लिए कोतवाल को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
महविश और उसके परिजनों ने बताया कि हत्यारोपियों के परिजनों से विवाद के बाद जांच को कोतवाल आरबी सिंह पहली बार गांव पहुंचे।
कोतवाल ने महविश से पूछताछ की और बयान लिखने लगे।
आरोप है कि महविश जवाब दे रही थी तभी कोतवाल बोल पड़े कि, ‘कम बोल तुझे पता नहीं कि मैं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का फूफा हूं, मेरे सामने भी इतना बोल रही है।’
महविश ने कहा कि आप इतने बड़े आदमी हैं, तो आपको हमें इंसाफ दिलाना चाहिए। कोतवाल का जवाब था कि इंसाफ तो तुम्हें मरने के बाद ही मिलेगा।
गुस्साई महविश ने इस पर जान देने की चेतावनी दी।
शोर सुनकर यूसुफ और अन्य परिजन भी आ गए और वह भी महविश के साथ आत्मदाह की धमकी देने लगे। पूरा परिवार केरोसिन की कैन की ओर दौड़ा।
आरोप है कि तभी कोतवाल उन्हें समझाने की बजाय महविश के घर में माचिस फेंककर यह कहते हुए निकल गए ‘बच्चों का खेल नहीं हैं मरना, माचिस नहीं है तो मैं दे देता हूं।’ इसके बाद जो कुछ हुआ वह जग जाहिर है।
खौफनाक घटना, पुलिस खामोश
भाटगढ़ी में हुई खौफनाक घटना के 24 घंटे बंदे भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
गांव में सामूहिक रूप से खुदकुशी की कोशिश के बावजूद पुलिस ने न तो अंटेप्ट-टु-सुसाइड का मुकदमा दर्ज किया है और न ही आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का।
पुलिस अभी तक जांच का हवाला देकर मामला ठंडा करने में लगी है। बुधवार रात पुलिस ने हाईवे जाम भी देहात कोतवाल पर कार्रवाई का आश्वासन देकर खुलवाया था, लेकिन महविश की मानें तो अभी तक न तो उनकी समस्याओं का निस्तारण हुआ है और न ही कोतवाल पर कार्रवाई की गई है।
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पूरे प्रकरण की जांच चल रही है। जांच में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए चाहे आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज करना पड़े या फिर अंटेप्ट-टू-सुसाइड की रिपोर्ट लिखनी पड़े।� – गुलाब सिंह, एसएसपी बुलंदशहर