चंडीगढ़- रेलवे में हुए रिश्वत प्रकरण की आग में कई प्रोजक्ट झुलसते नजर आ रहे हैं। रेल मंत्री बंसल ने यहां के लिए कई ट्रेनें देने के साथ-साथ परियोजनाओं को भी मंजूरी दी थी। बंसल के पदभार संभालते ही चंडीगढ़ स्टेशन पर पुरानी लंबित योजनाओं पर भी युद्धस्तर पर काम शुरू हो गया था, लेकिन अब काम की रफ्तार धीमी पड़ती दिख रही है।
चंडीगढ़ स्टेशन पर अधिकारियों में मायूसी है कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। दबी जुबान में अधिकारियों का कहना है कि जब तक इस मामले पर विराम नहीं लग जाता है तब तक यहां विकास कार्य में ढीले ही चलते रहेंगे। रेलमंत्री द्वारा घोषित कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट अधर में लटक गए हैं। कई ट्रेनें इस माह से चलनी थी, जिन पर अब कोई भी चर्चा करने को तैयार नहीं। अंबाला मंडल के डीआरएम पीके सांघी का कहना है कि इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है क्योंकि इसकी सूचना हमें रेलवे प्रशासन दिल्ली से दी जाती है।
कालका-शिरड़ी ट्रेन, सप्ताह में दो दिन चलनी थी जो इसकी सप्ताह चलाई जानी थी पर यह मामला अब लटक गया है अब जब तक इस पर कोई निर्णय नहीं हो जाता यात्रियों को इंतजार करना पड़ेगा। वहीं कालका-कटरा एक्सप्रेस सप्ताह में दो दिन चलाई जानी थी इसकी भी वही स्थिति है। इंदौर-चंडीगढ़ एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया देवास, उज्जैन, गुना, ग्वालियर, हजरत निजामुदिन की चलाने की कोई बात नहीं चली है।
ज्ञात हो कि करोड़ों की रिश्वत देकर रेलवे बोर्ड का सदस्य बनाए जाने के मामले में रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के भांजे विजय सिंगला का नाम आया है। जिसकी जांच सीबीआइ कर रही है। इस मामले की जांच जब तक संपन्न नहीं हो जाती चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से नई ट्रेनों की घोषणा होने पर भी नहीं चलाया जा सकता, जिसका खामियाजा यात्रियों को उठाना पड़ेगा।