पाकिस्तानी आतंकी सनाउल्लाह की मौत के बाद जम्मू की कोट भलवाल जेल में स्थिति तनावपूर्ण हो गई। पाक कैदियों ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए।
भारतीय कैदी भी इस दौरान भड़क गए और पाक विरोधी नारे लगाने लगे।
मामले को शांत करते हुए जेल प्रशासन ने पाक कैदियों को अलग बैरक में रखा और बाहर से सुरक्षा कड़ी कर दी। कोट भलवाल जेल में 22 पाक कैदी बंद हैं, जिनमें से दो उम्रकैद की सजा भुगत रहे हैं।
इस बीच सनाउल्लाह पर हमला करने वाले कैदी विनोद सिंह पुत्र मेहताब सिंह के खिलाफ पुलिस ने जानलेवा हमले का मामला अब हत्या में बदल दिया है।
विनोद सात दिन की पुलिस रिमांड पर है और शुक्रवार को उसका रिमांड बढ़ाने का कोर्ट में आवेदन दिया जाएगा।
बृहस्पतिवार सुबह जैसे ही सनाउल्लाह की मौत की सूचना कोट भलवाल जेल में फैली तो जेल के कैदी दो खेमों में बंट गए। पाकिस्तानी कैदी पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे।
इसके बाद पाक कैदियों को अलग बैरक में रखा गया। इस घटना के बाद राज्य की अन्य 13 जेलों में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई।
तीन मई को जेल में बंद पाक आतंकी सनाउल्लाह और विनोद सिंह पार्क में पानी दे रहे थे। सनाउल्लाह पाक जेल में बंद सरबजीत की मौत पर खुशी जताकर ताने मार रहा था, जिससे पूर्व सैनिक विनोद सिंह भड़क गया और उसने कुदाल से सनाउल्लाह पर हमला कर दिया।
जेल के अंदर हुए हमले में कोट भलवाल जेल सुपरिंटेंडेंट रजनी सहगल समेत छह कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था।
सनाउल्लाह पुत्र आशिक हुसैन निवासी सियालकोट पाकिस्तान 17 साल से जेल में बंद था। लेह में अपने ही साथी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाले विनोद सिंह (एक्स सर्विसमैन) पुत्र मेहताब सिंह को भी 28 जुलाई 2009 में कोट भलवाल जेल लाया गया।
इससे पहले वह लेह की जेल में बंद था। विनोद सिंह का सेना ने 2007 को कोर्ट मार्शल भी किया था। हालत गंभीर होने के कारण सनाउल्लाह को पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया था और 9 मई को उसने दम तोड़ दिया।
हिजबुल मुजाहिदीन से संबंध रखने वाले सनाउल्लाह के खिलाफ कुल आठ मामले दर्ज थे। मांडा और सतवारी बम बलास्ट मामले में सनाउल्लाह उम्रकैद की सजा भुगत रहा था। दो केसों में वह बरी हो गया और चार केसों की सुनवाई जारी थी। मौत के बाद अब सभी केसों की फाइल बंद हो जाएगी।