नई दिल्ली। कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की रिहाई के बाद 1984 के सिख दंगों की फिर से जांच के लिए कांग्रेस छोड़ लगभग सभी दल एकजुट हो गए हैं। बुधवार को शिरोमणि अकाली दल के नेतृत्व में पूरे राजग के साथ-साथ सपा, तेदेपा, बीजद, इनेलो, झामुमो के नेताओं ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन कर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की।
पिछले कुछ दिनों से संसद पर जहां भ्रष्टाचार और चीनी घुसपैठ जैसे मामलों के साथ-साथ सिख दंगा भी हावी था। बुधवार को संसद की कार्यवाही खत्म होते ही राजग समेत दूसरे दलों ने राष्ट्रपति से न्याय की मांग की। प्रतिनिधियों में पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के अलावा भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज भी शामिल थीं। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद सुखबीर ने बताया कि जांच में उन पुलिस अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए, जिन्होंने एफआइआर दर्ज करने से भी मना कर दिया था। दंगों में हजारों सिखों की हत्या हुई लेकिन एक भी आदमी जेल के अंदर नहीं है। उन्होंने मांग की कि दिल्ली के नांगलोई में सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज एफआइआर में जल्द चालान किया जाना चाहिए। साथ ही जगदीश टाइटलर के खिलाफ फौरन कार्रवाई होनी चाहिए। बाद में अकाली दल के नेताओं ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से भी मुलाकात कर मामलों के निपटारे का आग्रह किया।