नई टेक्नोलॉजी और तेज रफ्तार लाइफ हमारे रिश्ते और सेक्सुअल लाइफ को बरबाद कर रही है। अक्सर यह सुनने को मिलता है। यह सच भी है।
रिलेशनशिप एक्सपर्ट मानते हैं कि तकनीक की जरूरत से ज्यादा दखलंदाजी जीवन पर नकारात्मक असर डालती है।
मगर अगली पीढ़ी टेक्नोलॉजी के इस दखल को सकारात्मक तरीके से लेती है और वह मानती है कि अगर तकनीक का सही इस्तेमाल हो तो इससे रिश्तों को और मजबूत बनाने में मदद मिलती है और सेक्स लाइफ को ज्यादा दिलचस्प और स्पाइसी बनाया जा सकता है।
इन्हीं मुद्दों पर अमर उजाला ने रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ.नीलम सक्सेना से बातचीत की। डॉ. नीलम बताती हैं कि हाई तकनीक और गैजेट्स का रिश्तों पर नकारात्मक और सकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव पड़ता है।
हालांकि उनका भी मानना है कि यह प्रभाव नकारात्मक ज्यादा होता है।
1. दूरियां बनाए भी और मिटाए भी
है न हैरानी की बात! गैजेट्स और नई तकनीक जहां करीबी लोगों के बीच दूरियां पैदा कर रही है, वहीं दूरियों के बावजूद यह रिश्तों को मजबूत भी कर रहा है।
गैजेट्स में व्यक्ति इतना ज्यादा उलझ कर रह जाता है कि उसे अपने आसपास और अपने पार्टनर के होने का भी अहसास नहीं होता।
गैजेट्स के कारण व्यक्ति अपने पार्टनर को समय नहीं दे पाता जिससे रिश्तों में दूरियां आ जाती हैं।
वहीं गैजेट्स के सकारात्मक पहलू पर बात करते हुए डॉ.नीलम का कहना है कि इनकी मदद से आप चाहे कितने भी दूर हो पास अपने पार्टनर को अपने पास महसूस करते हैं।
सोशल नेटवर्किंग, मेल और फेसटाइम की बदौलत अपने प्रियजनों को दूर बैठे भी देखा जा सकता है। आप दूरियों की परवाह किए बगैर अपनी खुशी और गम सेलिब्रेट कर सकते हैं।
2. कम्यूनिकेशन घटा, बात कहने के तरीके बढ़े
इंटरनेट और मोबाइल के होने से लोगों में कम्यूनिकेशन बढ़ जाता है।
डॉ. के मुताबिक व्यक्ति अपने पार्टनर के साथ वक्त बिताने के बजाय लोगों से मोबाइल पर बातें करने में या सोशल नेटवर्किंग साइट पर समय बिताना ज्यादा पसंद करते हैं।
इससे वास्तविक रिश्तों के बीच कम्यूनिकेशन गैप बहुत बढ़ जाता है।
इसका सकारात्मक पहलू ये है कि यदि आप अपनी बात को कम्यूनिकेट नहीं कर पा रहे हो तो आप मैसेज या फोन के जरिए अपने बात आसानी से कह देते हैं।
3. वास्तविक अनुभव की जगह नहीं ले सकता वर्चुअल
डा. नीलम का कहना है कि कभी भी वर्चुअल एक्सपीरिएंस वास्तविक अनुभव की कमी को पूरी नहीं कर सकता।
कई बार आप अपने प्यार का इजहार करना चाहते हैं या फिर अपने पार्टनर को विश करना चाहते हैं तो मैसेज का सहारा ले लेते हैं, इससे आपके पार्टनर को संतुष्टि नहीं मिलती। उन्हें हर समय कुछ कमी खलती रहती है, जबकि वहीं बात आप यदि उनके सामने कहेंगे तो उन्हें पूरी संतुष्टि मिलेगी।
लेकिन आप माफी मांगने या पार्टनर को मनाने के लिए गैजेट का अच्छी तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं। इनकी मदद से आप अपनी बात को ज्यादा आसानी से और भावनात्मक तरीके से कह सकते हैं, जो सामने शायद संभव न हो।
4. रिश्तों में मधुरता और खटास
आप सोशल नेटवर्किंग साइट से जुड़े हुए हैं और पार्टनर को समय नहीं दे रहे तो आपके रिश्तों में तनाव बढ़ जाता है। कई बार लोग अपने पार्टनर का सोशल नेटवर्किंग में बहुत ज्यादा इन्वाल्वमेंट भी पसंद नहीं करते।
इसके दूसरे पक्ष को देखें तो आप उन दोस्तों से भी बातचीत कर पाते हैं जिनसे आप सालों से मिलने या फोन पर बात करने के लिए तरसते थे।
5. फीलिंग्स को घटाते और बढ़ाते
नई तकनीक से आपकी निजी और सेक्सुअल लाइफ एकदम खत्म हो जाती है। डॉ. नीलम बताती हैं कि सेक्स लाइफ इसीलिए प्रभावी होती है क्योंकि हाई तकनीक से जुड़े रहने के कारण सेक्स के दौरान आप उसे फीलिंग्स के साथ ना करके एक एक्ट की तरह लेने लगते हैं।
आप सेक्स को अपनी लाइफ में जरूरी तो मानते हैं लेकिन उसे सिर्फ जरूरत के लिए करते हैं ना कि फीलिंग्स होने पर।
वहीं दूसरी तरफ सेक्सिटिंग और इंटरनेट पर मौजूद तस्वीरें और वीडियो कई बार कपल्स में सेक्स के प्रति फीलिंग बढ़ाने में मदद करते हैं।
6. गैजेट्स का उपयोग और दुरूपयोग
कई बार पार्टनर गैजेट्स का दुरूपयोग करते हैं। पार्टनर की गलत फोटो या एमएमएस बना लेते हैं, इससे रिश्तों में खट्टास आ जाती है।
वहीं रिश्तों को स्पाइसी बनाने में और अपने यादगार लम्हों को संजोकर रखने में ये गैजेट्स मदद भी करते हैं।
7. बीमारी भी, स्टाइल भी
कई बार आप लैपटॉप या गैजेट्स प्रीकॉशंस के तहत प्रयोग नहीं करते तो आपको इनफर्टीलिटी की समस्या या कई और शारीरिक समस्याएं हो सकती है।
तो वहीं आप अपने गैजेट्स से पार्टनर के आगे स्टाइल दिखाकर उन्हें इंप्रेस कर सकते हैं।