दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी का अब अगला नंबर किसका है, जेल में यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
दरअसल, बिहार की बक्सर जेल से तीन फांसी के फंदे मंगवाए गए हैं। ये फंदे किसके लिए हैं, इसको लेकर हर तरफ चर्चा है। जेल प्रशासन इसे नियमित प्रक्रिया बता रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, तिहाड़ जेल संख्या तीन के सहायक अधीक्षक और वार्डर फांसी का फंदा लाने के लिए बक्सर गए थे। वहां से तीन फंदे लाए गए हैं।
यही नहीं, सूत्र बताते हैं कि फांसी घर की साफ-सफाई भी की गई है। फांसी घर जेल संख्या तीन के वार्ड आठ के हाई सिक्योरिटी सेल के नजदीक ही है। इससे पहले जब अफजल गुरू को फांसी दी गई थी, तब भी जेल तीन के सहायक अधीक्षक फंदा लेने बक्सर गए थे।
फांसी देते वक्त दोषी को जिस स्थान पर फांसी घर में खड़ा किया जाता है, वहां पहले लकड़ी का पटरा होता था, उसे बदलकर लोहे की चादर लगाई गई है।
तिहाड़ जेल के कानून अधिकारी सुनील गुप्ता ने बताया कि जेल में फांसी का फंदा रहता है, लेकिन ज्यादा समय तक रखे रहने से खराब हो जाता है। एहतियान तीन फंदे मंगवाए गए हैं, ताकि अचानक फांसी का आदेश आने पर फंदा हमारे पास हो।
उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि तत्काल किसी को फांसी दी जा रही है।
भुल्लर की फांसी में है पेच
देंवेंद्र पाल सिंह भुल्लर की फांसी में अभी पेच है। उसका इहबास में इलाज चल रहा है। वह पिछले ढाई साल से वहां भर्ती है। राष्ट्रपति से फांसी की दया याचिका नामंजूर होने के बाद काफी हंगामा मचा।
उसके बाद उसके स्वास्थ्य की जांच के लिए तीन सदस्यीय चिकित्सकों का एक मेडिकल बोर्ड बनाया गया। कहा जा रहा है कि अगले सप्ताह मेडिकल बोर्ड अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी।
भुल्लर के स्वास्थ्य के बारे में इहबास के निदेशक ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
उधर, तिहाड़ जेल से मिली जानकारी के मुताबिक, भुल्लर की पत्नी ने एक बार फिर फांसी की सजा माफ करने के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। पत्र की प्रति तिहाड़ प्रशासन को भी मिली है।
इस पर गृह मंत्रालय को अपनी राय देनी है। उसके बाद ही कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा।