नॉएडा प्राधिकरण के बहुचर्चित 200 करोड़ की एफडी प्रकरण की जांच में प्राधिकरण के सीएफओ लिप्तता सामने आने पर प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम् की ओर से सीएफओ मनोज कुमार सिंह को निलंबन के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में उसने तीन दिन में प्रकरण पर जवाब मांगा गया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर प्राधिकरण की ओर से उनके निलंबन की संस्तुति करते हुए विभागीय कार्यवाही के लिए शासन को भेज दिया जाएगा। स्मरण रहे कि बैंक ऑफ इंडिया की ओर में जमा की गई 200 करोड़ रुपए प्राधिकरण को वापस मिल गए है।
जांच में पता चला है कि बैंक ऑफ इंडिया को बिना नियम के बिड में शामिल कराया गया। बताया जा रहा है कि सीएफएओ ने अपने स्तर पर बैंक ऑफ इंडिया को बोली के लिए बुलाया था। प्राधिकरण के सूत्रों के अनुसार आमतौर पर इस तरह की बिड में उन्हीं बैंकों को बुलाया जाता है, जहां पहले से प्राधिकरण का खाता खुला हुआ है। लेकिन इस मामले में नियमों को ताक पर रखकर बैंक ऑफ इंडिया को बोली के लिए बुलाया गया।
नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय समिति मामले की जांच कर रही है। जल्द ही इसकी रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। जांच समिति में एसीईओ प्रभाष कुमार के अलावा एक सदस्य और शामिल हैं। समिति ने बैंक अधिकारियों के बयान दर्ज किए हैं। इसमें भी कई प्रकार की खामियां मिली हैं। कमेटी ने जांच के क्रम में बिडिंग की फाइल कब्जे में ले ली है।