राजेश बैरागी l सूरजपुर से दादरी को जाने वाली सड़क आज भी कराह रही है। सूरजपुर से याद आया कि सूरज के प्रकट होने से पहले ही तिमिर (अंधकार)का नाश करने के लिए उसकी किरणें धरती पर उतर आती हैं। मैं मेज पर रखी कई प्रकार की नमकीन और एक विशेष मिष्ठान भंडार से लाई गई बरफी भरी तश्तरी देखकर बैठक की गंभीरता को भांप गया।
गौतमबुद्धनगर जिला के प्रभारी मंत्री और पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को फुलप्रूफ बनाने में जुटे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री के खास सलाहकार सेवानिवृत्त नौकरशाह आकर व्यवस्था देख गये थे। ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 20 से वेस्ट को जाने वाली सर्विस रोड शुक्रवार की देर रात तक दुरुस्त की जा रही थी। इस ओर मुख्यमंत्री के आने का योग होगा।
सूरजपुर से दादरी कौन आता है। दादरी में तो बिजली भी नहीं आती। मंत्री, जिला प्रशासन और प्राधिकरण के अधिकारी मुख्यमंत्री की अगवानी में सोना भूल गए हैं।आठ घंटे उन्हें जिले में रहना है। इतना समय तो लखनऊ में भी कभी रहते होंगे। मेहमान आता अपनी मर्जी से है, जाता मेजबान की मर्जी से। कुछ मेहमान अलग होते हैं।उनका आना जाना उनकी मर्जी से होता है। मेजबान तो बस उसके सही सलामत चले जाने की कामना करता है। मैंने देखा कि बैठक बहुत गंभीर हो चली थी।बरफी समेत सारा नाश्ता निपटाया जा चुका था। मुख्यमंत्री के आगमन को सफल बनाने के लिए प्रभारी मंत्री और अधिकारी एकराय हो चुके थे। इस मैराथन बैठक में नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों पर धरना दे रहे किसानों का कोई स्थान नहीं था।