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बैरागी की नेकदृष्टि : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर धरने पर भाजपा नेताओं में वर्चस्व की जंग

राजेश बैरागी । पिछले 58 दिनों से दिन रात चल रहे धरने को कौन शह दे रहा है? विपक्षी दलों को छोड़कर सत्तारूढ़ भाजपा के स्थानीय नेताओं में इस किसान आंदोलन को लेकर क्या कोई वर्चस्व की जंग शुरू हो चुकी है? आगामी 25 जून को विभिन्न परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास के लिए जनपद गौतमबुद्धनगर में आ रहे मुख्यमंत्री के समक्ष अपना दबदबा कायम करने के लिए भी क्या स्थानीय भाजपा नेता इस धरने को मूंछों की लड़ाई में बदल चुके हैं ?

ये सारे प्रश्न ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर चल रहे धरने को शांति पूर्वक समाप्त कराने या बलपूर्वक पुनः उखाड़ देने के प्रयासों से उत्पन्न हुए हैं। प्रारंभ से ही इस किसान आंदोलन को विशेष तौर पर समाजवादी पार्टी का समर्थन हासिल है। वामपंथी मजदूर संगठन सीटू भी पूरे मनोयोग से धरने के समर्थन में जुटा है।कम प्रभाव वाली कांग्रेस, राजनीति में पैर जमा रही आजाद समाज पार्टी और दिल्ली से बाहर विस्तार कर रही आम आदमी पार्टी ने भी धरने को समर्थन किया है। सत्तारूढ़ भाजपा जिसके दो सांसद डॉ महेश शर्मा व सुरेंद्र नागर, तीन विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह, तेजपाल नागर व पंकज सिंह, दो एमएलसी श्रीचंद शर्मा व नरेन्द्र भाटी के साथ साथ भाजपा संगठन के लोग क्या कर रहे हैं?

यदि यह कहा जाए कि ये लोग धरने का पाला बनाकर आपस में ही कबड्डी खेल रहे हैं तो अतिशयोक्ति नहीं होगा। दरअसल जब भी ऐसा अवसर आता है तो सत्तारूढ़ पार्टी के अलग अलग धड़े एक दूसरे को नीचा दिखाने और परिणाम का श्रेय लेने के लिए आपस में ही लड़ने लगते हैं।

दिलचस्प बात यह है कि इन सभी नेताओं को किसानों की समस्याओं के समाधान में कोई रुचि नहीं है। किसानों की उचित मांगों को मनवाने के लिए अपने पद और कद का इस्तेमाल करने के बजाय ये नेता धरना समाप्त कराने का श्रेय लेने में जुटे हैं। पिछले दो दिनों से राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर किसानों को किसी प्रकार मनाने में जुटे हैं। परंतु प्राधिकरण को किसानों की मांगों पर सहमत करने में सफल नहीं हो पाए। बताया जा रहा है कि प्राधिकरण के अधिकारी किसानों को कोई ठोस आश्वासन नहीं देना चाहते हैं।

इससे पहले किसानों को बहला फुसलाकर धरना समाप्त कराने का प्रयास कर चुके स्थानीय विधायक तेजपाल नागर की छवि को भारी नुक़सान हो चुका है। क्षेत्र में यह बात तेजी से फैल रही है कि विधायक किसानों को डरा धमकाकर उठाना चाहते थे। विधायक के प्रयासों को अंतिम समय में पलीता लगाने और अब उन्हें किसान विरोधी साबित करने के लिए भी सांसद सुरेंद्र नागर का हाथ होने की चर्चा है। चर्चा यह भी है कि आज रात या 24 जून तक किसी प्रकार भी इस धरने को हटाने की योजना प्राधिकरण और पुलिस प्रशासन द्वारा बनाई जा रही है। इस बीच एक अलोकप्रिय और दलाली के लिए कुख्यात किसान नेता को किसानों का प्रतिनिधि बनाकर प्राधिकरण उससे अपने तरीके से समझौता कर धरना उठाने की घोषणा करा सकता है। हालांकि यह ऐसा ही होगा जैसे एक वर्ष पहले दिल्ली में चले किसान आंदोलन को निष्प्रभावी करने के लिए कुछ फर्जी किसान संगठनों से सरकार ने आंदोलन वापस लेने की घोषणा करा दी थी।तब पत्रकार से नेता बने योगेंद्र यादव ने कहा था कि जो आंदोलन कर ही नहीं रहा है, वह आंदोलन वापस कैसे ले सकता है।


राजेश बैरागी

राजेश बैरागी बीते ३५ वर्षो से क्षेत्रीय पत्रकारिता में अपना विशिस्थ स्थान बनाये हुए है l जन समावेश से करियर शुरू करके पंजाब केसरी और हिंदुस्तान तक सेवाए देने के बाद नेक दृष्टि हिंदी साप्ताहिक नौएडा के संपादक और सञ्चालन कर्ता है l वर्तमान में एनसीआर खबर के साथ सलाहकार संपादक के तोर पर जुड़े है l सामायिक विषयों पर उनकी तीखी मगर सधी हुई बेबाक प्रतिक्रिया के लिए आप एनसीआर खबर से जुड़े रहे l हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I एनसीआर खबर पर समाचार और विज्ञापन के लिए हमे संपर्क करे । हमारे लेख/समाचार ऐसे ही सीधे आपके व्हाट्सएप पर प्राप्त करने के लिए वार्षिक मूल्य(501) हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : ashu.319@oksbi के जरिये देकर उसकी डिटेल हमे व्हाट्सएप अवश्य करे

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