राजेश बैरागी। ऐसा होता नहीं है कि दो लोग लडें और और दोनों जीत जाएं या दोनों हार जाएं। परंतु राजनीति में यह सुभीता रहता। वर्षों बाद हुए नोएडा सेक्टर 11 आरडब्ल्यूए के चुनाव में आज ऐसा ही परिणाम आया। चुनाव लड़े दोनों क्रमशः अंजना भागी और ए एन गुप्ता पैनलों में से अंजना भागी ने अध्यक्ष पद पर बिल्कुल निकटतम मुकाबले में ए एन गुप्ता को हराकर धमाका कर दिया परंतु उनके पैनल के एक और सदस्य को छोड़कर सभी को हार का मुंह देखना पड़ा।
उधर ए एन गुप्ता पैनल ने अध्यक्ष व एक सदस्य पद को छोड़कर सभी पदों पर शानदार जीत दर्ज की। सेक्टर 11 निवासियों के इस निर्णय का क्या अर्थ है? क्या वे वर्षों से आरडब्ल्यूए पर काबिज लोगों से छुटकारा पाना चाहते थे? अध्यक्ष पद पर अंजना भागी की जीत यही साबित करती है। परंतु उनके अलावा आरडब्ल्यूए के महत्वपूर्ण पदों पर दूसरे पैनल के लोगों की जीत के क्या मायने हैं?
हालांकि यह कोई विधानसभा या लोकसभा का चुनाव नहीं था। एक ऐसे सेक्टर जिसमें मात्र 587 आवासीय इकाई हों, में क्या पक्ष और क्या विपक्ष।सभी को मिलजुलकर सेक्टर के निवासियों की बेहतरी के लिए काम करना चाहिए। सेक्टर निवासियों ने शीर्ष पद पर एक ऊर्जावान पत्रकार लेखिका को जिताकर और शेष पदों पर दूसरे पैनल के यथायोग्य लोगों को चुनकर यही संदेश दिया है।