इस समय विपक्ष के लोगों का जो गठबंधन तैयार हो रहा है। वह लोगों के द्वारा रिजेक्ट किए गए नेताओं का गठबंधन है। यह नेता अपने यहां पर जीत नहीं पाए इसलिए आपस में गठबंधन कर रहे हैं। यह कह कर गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी में जनसभा को संबोधित करते हुए तेजस्वी सूर्या ने विपक्षी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा।
इससे पहले लोकसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ग्रेटर नोएडा पहुंचे l उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा आम आदमी के लिए काफी योजनाएं चलाई गई है। जिनका लाभ अंतिम लाइन में खड़े हुए व्यक्ति को भी मिल रहा है। भाजपा सरकार से पहले लगातार अखबारों में घोटालों के बारे में ही पढ़ा जाता था। त्योहारों के समय पर बम ब्लास्ट होते थे। कांग्रेस की सरकार में देश न तो आंतरिक रूप से सुरक्षित थी और न ही देश के बॉर्डर सुरक्षित थे, लेकिन 2014 के बाद अब सब कुछ बदल गया है। भारत की आंतरिक सुरक्षा भी मजबूत हुई है और भारत के बॉर्डर भी सुरक्षित हैं।
खाली स्टेडियम बता रहा जिला भाजपा गुटबाजी में डा महेश शर्मा की कमज़ोर स्थिति
2024 के चुनावी रणभेरी के आरंभ के लिए महीने भर तक चलने वाले कार्यक्रमों में राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष के कार्यक्रम में स्टेज के सामने पड़ी कुर्सियों के अलावा स्टेडियम की खाली जगह भाजपा के जिले में संगठन के गुटबाजी और जनप्रतिनिधियों के आपसी मतभेद को साफ दर्शा गई । कार्यक्रम के 1 दिन पहले भाजपा के नेता यहां 12 से 15 हजार लोगों के पहुंचने का दावा कर रहे थे पूरे जिले से सैकड़ों बसों की बातें की जा रही थी । अकेले दादरी विधानसभा से 100 से ज्यादा बसों के इंतजाम की सूचनाएं मीडिया को दी जा रही थी लेकिन कार्यक्रम में आई कम भीड़ ने जिले में डॉक्टर महेश शर्मा की मजबूत स्थिति पर प्रश्न खड़े कर दिए हैं । कदाचित डॉ महेश शर्मा के समर्थकों के अलावा अन्य जनप्रतिनिधियों ने इस पूरे कार्यक्रम में सिर्फ अपनी उपस्थिति सुनिश्चित की जिसके कारण भाजपा के संगठन को स्टेज के सामने की सीटें भरने में पसीना आ गया ऐसे में स्टेडियम की खाली पड़ी सीटें जहां एक और महेश शर्मा को कमजोर दिखा रही थी वही उनके विरोधियों के चेहरे पर मुस्कान ला रही थी ।
क्या जिले में युवा संगठन की पकड़ है कमजोर या फिर जिले में युवा हो रहा है भाजपा से दूर ?
कार्यक्रम में खाली पड़ी कुर्सियों ने जिले में भाजपा युवा मोर्चा की पकड़ पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को युवा मोर्चा की प्राथमिक कक्षा माना जाता है और संगठन के कार्यों में भीड़ युवाओं के बलबूते आती है । और यही 18 से 25 साल का युवा भाजपा का सशक्त वोट बैंक है । ऐसे में कदाचित अपने ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के आगमन पर कार्यक्रम में भीड़ ना जुटा पाना युवा मोर्चा के अध्यक्ष की कड़ी परीक्षा बन गया है । ऐसे में क्या जिले में युवा भाजपा से दूर हो रहा है या फिर उसको इसकी सूचना नहीं दी गई ऐसे दोनो प्रश्न जिले में उठाए जा रहे है