इस साल को ग्रेटर नोएडा को पांच बिजलीघर मिल जाएंगे। ये बिजलीघर इसी दिसंबर से मिलने षुरू हो जाएंगे और दिसंबर तक पूरे हो जाएंगे। इन बिजलीघरों से वर्तमान के साथ ही भविष्य की जरूरतें भी पूरी हो सकेंगी। कदाचित, ग्रेटर नोएडा शहर का तेजी से औद्योगिक नगरी के रूप में विस्तार हो रहा है। नई औद्योगिक इकाइयां निरंतर लग रही हैं। ग्रेटर नोएडा डाटा सेंटर हब के रूप में भी विकसित हो रहा है। रिहायश का भी तेजी से विस्तार हो रहा है। ग्रेटर नोएडा ईस्ट के साथ ही ग्रेनो वेस्टी की बहुमंजिला इमारतों में निवासियों की तादात तेजी से बढ़ रही है। संस्थागत सेक्टर भी विकसित हो रहे हैं। इससे ग्रेटर नोएडा एरिया में बिजली की खपत भी तेजी से बढ़ रही है।
बिजली की भविष्य की मांग को ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण पांच नए बिजलीघर और उनकी लाइनें बनवा रहा है। यूपीपीटीसीएल इन बिजलीघरों का निर्माण कर रहा है। 220 केवी के तीन बिजलीघर जलपुरा, डिपो स्टेशन व नालेज पार्क-5 में बन रहे हैं। 132 केवी के दो बिजलीघर सेक्टर-इकोटेक 8 व 10 में बन रहे हैं। इन सभी बिजलीघरों का निर्माण तेजी से चल रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने एसीईओ आनंद वर्धन के साथ बृहस्पतिवार को इन बिजलीघरों के निर्माण की समीक्षा की, जिसमें यूपीपीटीसीएल और प्राधिकरण के विद्युत अभियांत्रिकी विभाग के इंजीनियर मौजूद रहे। यूपीपीटीसीएल की टीम ने प्रत्येक बिजलीघरों के निर्माण की ताजा स्थिति से अवगत कराया। सीईओ ने अगस्त से लेकर दिसंबर तक इन बिजलीघरों का कार्य पूरा करने का लक्ष्य दिया।
प्राधिकरण की टीम को इन बिजलीघरों का कार्य शीघ्र पूरा कराने में हर संभव सहयोग करने का निर्देष दिया। इसके अलावा 400/220/132 केवी का एक सबस्टेशन अमरपुर में बनना है। सीईओ ने इस बिजलीघर का काम भी शीघ्र शुरू कराने के निर्देश दिए। ये सभी बिजलीघर गैस इंसुलेटेड सिस्टम (जीआईएस) पर आधारित हैं। इन बिजलीघरों के बन जाने से ग्रेटर नोएडा में अगले दस साल तक के लिए बिजली की जरूरत आसानी से पूरी हो सकेगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने इन बिजलीघरों का निर्माण तय समय में ही पूरा करने के निर्देश दिए। इसके बाद सीईओ ने जी-20 सम्मेलन को देखते हुए शहर को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाने के कार्यों की भी समीक्षा की। सीईओ ने जी-20 सम्मेलन की तैयारियों से जुड़े कार्यों को आगामी जुलाई तक हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिए।