धर्म परिवर्तन को लेकर केरला स्टोरी नाम से एक फिल्म की चर्चा के बीच ग्रेटर नोएडा के डेरिंग गांव के एक व्यक्ति ने छह लोगो के खिलाफ अपनी लड़की के अपहरण और धर्म परिवर्तन के आरोप लगाते हुए पुलिस में नामजद शिकायत दर्ज की है । पुलिस ने ईसाई प्रचारक हैरिस समेत छह लोगों पर रिपोर्ट दर्ज की है पुलिस के सूत्रों के अनुसार इस मामले में युवती को बरामद कर लिया गया है । सोमवार को उसको न्यायालय के समक्ष पेश कर बयान कराए जाएंगे । अब तक की जांच के अनुसार लड़की ने आरोपी के साथ शादी करने की बात सामने आ रही है । मेडिकल के बाद उसके नाबालिग या बालिग होने का स्पष्ट होगा ।
जानकारी के अनुसार ईकोटेक 3 थाना क्षेत्र में आने वाले डेरिंग गांव के एक व्यक्ति ने खुद को धर्म प्रचारक बताने वाले हैरिस के खिलाफ आरोप लगाया कि वो उसकी 16 साल की नाबालिग बेटी को अगवा और धर्मांतरण करने के खेल में शामिल है । एनसीआर खबर के पास मौजूद एफआईआर में लिखी शिकायत के अनुसार आरोपी गांव में बारात घर के पास रहने वाले एक वायक्ति के घर में ब्रेनवाश करने के लिए प्रार्थना सभा भी कराने का काम करता है । शिकायतकर्ता ने आरोपी पर उनकी बेटी का ब्रेनवाश करने का आरोप लगाया है ।
धर्म परिवर्तन भारत में प्रमुख समस्या
भारत में हिंदू धर्म के लोगों को उनका धर्म और भगवान के बारे में अपमानजनक बातें बोलकर उनको कमजोर दिखाकर अपने मत में परिवर्तन करने का खेल सैकड़ों सालों से चल रहा है । देशभर में मिशनरीज और चर्च पर यह आरोप लगते रहते हैं कि वो पैसे के साथ झूठे चमत्कार की कहानियां और अंधविश्वास के बल पर लोगो को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करते है । मामूली बीमारियों के दौरान गरीब व्यक्ति को अस्पताल में एडमिट कराकर उसको परमेश्वर का चमत्कार बता कर लोगो का ब्रानवाश किया जाता है । हाल ही में आई द केरला स्टोरी फिल्म में भी दिखाया गया है कि किस तरीके से सेमेटिक धर्मों के लोग हिंदू भगवानों के बारे में अप मान जनक बाते बोल कर उनको कमजोर साबित करते हैं और गरीब लड़कियों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करते हैं।
स्थानीय विहिप कार्यकर्ता के अनुसार ईसाई प्रचारक ऐसे ही ख़तरनाक अंधविश्वास का इस्तेमाल भोले-भाले हिंदुओं को ईसाई बनाने के लिए करते हैं
वे कहते हैं, “सीधे-साधे हिन्दुओं को कभी पैसे और नौकरी का लालच देकर और कभी कभी ना ठीक होने वाली बीमारी की चंगाई का झूठा क़िस्सा गढ़कर ये उन्हें ईसाई धर्म में ले जाते हैं । ऐसी सभाएं अब घरों के अंदर आयोजित की जाती हैं ताकि धर्म परिवर्तन के कानून की जद में ना आया जा सके ।