दादरी नगर पालिका चुनाव को लेकर रोज नए परिवर्तन आ रहे हैं इस बार चुनाव में जहां भाजपाई तीसरी बार अपनी जीत का परचम लहराने के लिए तैयारी कर रही है तो समाजवादी पार्टी बसपा से आयतित प्रत्याशी अयूब मलिक के सहारे जीत का सपना देख रही है । मुसलमानों को वर्तमान में समाजवादी पार्टी का स्वाभाविक वोटर माना जा रहा है । कहा जा रहा है कि भाजपा का मुकाबला करने के लिए मुसलमानों के पास कोई विकल्प नहीं हैं।
यद्धपि समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन के एंड मौके पर टूट जाने के बाद आजाद मलिक को उतार देने के बाद मामला बिगड़ता दिख रहा है । असल में पिछली बार 600 वोट पाने वाले आजाद मलिक इस बार मुस्लिम वोटों में बड़ी सेंध लगाने का दावा कर रहे है । मुस्लिम क्षेत्रों में इस बार मस्जिदों से आजाद मलिक के लिए के लिए अपील की जा रही है । आजाद मलिक के समर्थकों का दावा है कि पिछली हार के बाद आजाद मलिक ने 5 साल समाज के लिए काम किया है उनकी समस्याओं के लिए सब जगह लड़ाई की ऐसे में 5 साल पहले की स्थिति और वर्तमान में आजाद मलिक के समर्थक समाजवादी प्रत्याशी से अपना मुकाबला ही नहीं मान रहे है । राष्ट्रीय लोकदल के साथ आजाद समाज पार्टी के जोड़े होने के कारण इस बार आजाद मलिक दलित वोट पर भी अपनी दावेदारी कर रहे है ।साथ ही 2000 के लगभग जाट वोट भी अपने साथ बता रहे हैं ऐसे में क्या चुनाव इस बार भाजपा बनाम राष्ट्रीय लोकदल बुखार आ जाएगा या एक बार फिर से साइकिल की लहर चलेगी ।
दादरी में प्रत्याशियों के दावों के उलट वोटर कर रहा इंतजार, बड़े नेताओं की शरण में अब प्रत्याशी
एनसीआर खबर में जब दादरी नगर पालिका के वार्ड में जाकर लोगों से बातचीत की लोगों ने फिलहाल अपना रुख किसी भी प्रत्याशी के समर्थन में परोक्ष रूप से बताने से इंकार कर दिया । लोगों ने अभी प्रत्याशियों की स्थिति और उनके दावों को परखने की बात कही ऐसे में प्रत्याशियों के सामने भी अपने जीत के दावों को कह पाना मुश्किल हो रहा है । जिसके बाद भाजपा ने मंगलवार से अपने बड़े नेताओं को जमीन पर उतारना शुरू कर दिया है । प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी जल्द ही एक रैली के लिए दादरी आयेंगे वही आजाद मालिक ने भी आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर और राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी के कार्यक्रम दादरी में होने का दावा किया है । हालात ये है समाजवादी पार्टी से अभी किसी बड़े नेता के आने की सूचना ना के बराबर है माना जा रहा है इस चुनाव को अयूब मलिक राजकुमार भाटी के सहारे ही लड़ने का योजना बना चुके है । वही बड़े नेताओं के उतरने से निर्दलीय प्रत्याशी जग भूषण गर्ग के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती हैं बड़े नेताओं के भाजपा के पक्ष में उतरने से चुनावी माहोल स्थानीय ना होकर सा देश शिकार राष्ट्रीय हो सकता है