अपने दो विधायकों के कारण मेरठ के मेयर चुनाव में अखिलेश यादव फिल्हाल परेशानी में फंसते दिखाई दे रहे है और ये दोनो विधायक उन्ही की पार्टी के है । कदाचित दोनो विधायकों के बीच अपनी अपनी पत्नी के टिकट को लेकर दावा करने से मेरठ में समाजवादी पार्टी एक बार फिर से चुनाव से पहले ही चारों खाने और चित्त दिखाई दे रही है इसी बात को लेकर अखिलेश यादव का टेंशन में है । हालांकि अभी तक इस सीट पर अखिलेश और जयंत चौधरी यह भी नहीं तय कर पाए हैं कि सीट समाजवादी पार्टी के लिए होगी या फिर जयंत चौधरी के राष्ट्रीय लोकदल के लिए होगी क्योंकि इलेक्शन क्योंकि मेरठ में दूसरे चरण में 11 मई को चुनाव होना है इसलिए टिकट का फैसला जल्द ही लिया जाएगा
दोनो विधायक आमने सामने
जानकारी के अनुसार मेरठ नगर निगम पर सपा के शहर विधायक रफीक अंसारी और सरधना के विधायक अतुल प्रधान आमने-सामने हैं रफीक अंसारी अपनी पत्नी खुर्शीदा अंसारी के लिए टिकट मांग रहे हैं और विधायक अतुल प्रधान अपनी पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा प्रधान के लिए टिकट मांग रहे हैं एक और जहां रफीक अंसारी को उम्मीद है कि टिकट उनका होगा वहीं दूसरी और अतुल प्रधान को भी पूरा भरोसा है की बाजी उनके हाथ लगेगी दोनों ही विधायक मेरठ से लेकर लखनऊ तक अपने-अपने दांव आजमा रहे हैं दोनों के करीबियों ने लखनऊ में पूरी ताकत झोंक दी है जिसके बाद अखिलेश यादव के आदेश पर महापौर प्रत्याशी चयन समिति मेरठ पहुंच गई जिसमें सपा विधायक स्वामी ओम वेश आशु मलिक और मुजफ्फरनगर के जिला अध्यक्ष प्रमोद त्यागी मौजूद रहे जहां पर उन्होंने दावेदारों से बातें की समझौते के लिए भी कोशिश की गई लेकिन बात बनती नहीं दिखी है
निकाय चुनाव में मेरठ सीट पर अभी तक तीन बार बसपा और दो बार भाजपा जीती है ऐसे में सवाल यह भी है कि क्या इस बार कोई बदलाव दिखेगा लेकिन सपा और और भाजपा के बीच लड़ाई में कौन आगे होगा इससे पहले दिलचस्पी ए हो रहा है कि सपा में टिकट में कौन आगे होगा और इसी दो विधायकों के बीच चल रहे टिकट के क्लेश ने अखिलेश यादव को टेंशन में डाल दिया है