NCRKhabar Exclusive: 24 के चुनाव से पहले जिला भाजपा में बने 24 गुट, मिहिर भोज इंटर कालेज में कार्यक्रम कराना बना विधायक तेजपाल नागर के लिए अशुभ! सांसद सुरेंद्र नागर को ना बुलाकर पुनः भाजपा और गुर्जर समाज के निशाने पर आए दादरी विधायक, बार बार विवाद से छवि को नुकसान
गुरुवार को गौतम बुध नगर में भाजपा के संगठन और जनप्रतिनिधियों के बीच के मतभेद एक बार फिर से सामने दिखाई दिए जमीन से लेकर सोशल मीडिया तक देखें इस संघर्ष में भाजपा ही नहीं जिले में अपना दबदबा रखने वाला गुर्जर समाज भी टुकड़ों टुकड़ों में बटा दिखाई दिया मामला गुरुवार को दादरी के मिहिर भोज इंटर कॉलेज में लाइब्रेरी के लोकार्पण कार्यक्रम में बीजेपी के लोकसभा सांसद डॉ महेश शर्मा को बुलाने और दूसरे राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर को दूर रखने से शुरू हुआ । कार्यक्रम का आयोजन क्षेत्रीय विधायक तेजपाल नागर ने किया जिसके कारण एक बार फिर से मिहिर भोज इंटर कॉलेज में कार्यक्रम करवाकर तेजपाल नागर विवादों में आ गए जिले की राजनीति में तमाम तरीके की बातें हुई गुर्जर युवाओं ने सोशल मीडिया पर पूछा कि ऐसी क्या मजबूरी रही जो सुरेंद्र नागर को इस कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया
एक बार फिर से तेजपाल नागर फंसे विवादो में, दादरी विधायक के लिए मिहिर भोज इंटर कालेज में कार्यक्रम करना दूसरी बार हुआ अशुभ
कार्यक्रम में जिले से राज्यसभा सांसद सुरेंद्रनगर को ना बुलाए जाने के बाद दादरी के विधायक तेजपाल नागर जिले के युवाओं के निशाने पर हैं वहीं भाजपा नेताओं में भी गुट बंदी साफ नजर आ रही है मिहिर भोज के इस कार्यक्रम में जहां गौतम बुध नगर के सांसद डॉ महेश शर्मा दादरी विधायक तेजपाल नागर एमएलसी नरेंद्र भाटी और एमएलसी श्रीचंद शर्मा समेत कई नेता नजर आए , वहीं सुरेंद्रनगर गुट से संबंधित नेताओं को इस कार्यक्रम से दूर रखा गया । जिसके बाद तेजपाल नागर मिहिर भोज के किसी कार्यक्रम में दोबारा हाथ जलाते हुए नजर आए ।
जिले में भाजपा की राजनीति को समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार ने एनसीआर खबर को कि भाजपा का संगठन जिले में अब कई गुटों में बैठ चुका है हालात यह हैं कि 24 के चुनाव से पहले संगठन में 24 गुट बने हुए हैं और हर कोई अपने ही अपने गुटबाजी में लगा हुआ है।
मिहिरभोज इंटर कॉलेज तेजपाल नागर के लिए इसलिए भी नुकसानदायक हो गया है कि यहां जब भी वह कोई कार्यक्रम करवाते हैं वहां विवाद शुरू हो जाता है ।
कई लोगों का कहना है कि ऐसा लगता है कि मिहिर भोज इंटर कॉलेज में कार्यक्रम कराना क्षेत्रीय विधायक तेजपाल नागर के लिए अशुभ हो गया है वह जब भी यहां पर कोई कार्यक्रम कराने की बात करते हैं उनके साथ विवाद शुरू हो जाते हैं और बदनामी ही हाथ लगती है । पहले भी मूर्ति अनावरण प्रकरण में विधायक को फायदे से ज्यादा नुकसान हुआ था और लगातार उसके बाद चुनाव तक जातीय गुटबाजी और अस्मिता के नाम पर उनके खिलाफ प्रदर्शन भी हुए थे अब एक बार फिर से वह विवादों के घेरे में हैं
वहीं गुर्जर समाज के नेताओं ने आरोप लगाया क्षेत्रीय विधायक तेजपाल नागर अपनी राजनीति के लिए मिहिर भोज कॉलेज का भरपूर इस्तेमाल करते हैं इस कार्यक्रम के होने और उसमें जिले के कद्दावर भाजपा गुर्जर नेताओं को ना बुलाए जाने की भनक शायद नेताओं को पहले ही लगी थी इसलिए महज 4 दिन पहले हुए पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में जहां एक ओर गुर्जर समाज के और भाजपा संगठन के तमाम लोग मौजूद थे वही उसमें तेजपाल नागर को नहीं बुलाया गया था
इस प्रकरण को लेकर एनसीआर खबर ने दादरी विधायक तेजपाल से उनका पक्ष लेने की भी कोशिश की लेकिन समाचार लिखे जाने तक उनसे संपर्क नहीं हो सका ।
24 के चुनाव से पहले मिहिर भोज में डा महेश शर्मा को बुलाना राजनीति
वहीं भाजपा में अब 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट को लेकर नए समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं इस पूरे प्रकरण के बाद जहां मिहिर भोज इंटर कॉलेज में डॉक्टर महेश शर्मा को बुलाए जाने पर उनके 2024 में टिकट की दावेदारी को मजबूत बताया गया और क्षेत्रीय विधायक तेजपाल नागर पर यह आरोप लगाए गए कि वह डॉक्टर महेश शर्मा के लिए प्रचार कर रहे हैं वही भाजपा में सुरेंद्रनगर के लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर भी बातें बाहर आने लगी हैं आपको बता दें कि सुरेंद्र नागर और डॉक्टर महेश शर्मा पहले भी एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं हालांकि दोनों अब भाजपा में हैं और दोनों ही कद्दावर नेता है लेकिन जिस तरीके से जिले में लगातार डॉक्टर महेश शर्मा के खिलाफ भाजपा में हर बार टिकट को लेकर माहौल बनता है उससे लोगों में यह भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि धीरेंद्र सिंह के अलावा अंतिम मौके पर सुरेंद्र नागर भी अपनी दावेदारी लोकसभा प्रत्याशी के लिए कर सकते हैं । हालांकि इस मामले पर सुरेंद्र नागर ने एनसीआर खबर से जानकारी ना होने की बात कहते हुए अपनी ओर से किसी विवाद के ना होने की बात कही है । और इसे मीडिया की मन गडंत बाते बताया है । उन्होंने कहा कि मीडिया मसाले के लिए ऐसी बाते छाप सकता है लेकिन उनका ऐसा कोई दावा नहीं है । कार्यक्रम पर ना वो ना ही उनके समर्थक कोई विरोध कर रहे है
भाजपा संगठन के नेता दिखे चुपचाप
वहीं भाजपा के जनप्रतिनिधियों के बीच खिंची तलवारों के बीच संगठन के नेता दोनों ही तरफ अपनी-अपनी आस्था दिखाने में लगे हैं और ऐसे सभी कार्यक्रमों से संगठन और समिति के चुनाव के नाम पर दूरी बनाए हुए है । भाजपा के जिला अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सभी गुट अपने अपने तरीके से जोर आजमा रहे हैं जिसका असर संगठन में लगातार देखा जा रहा है ।
संगठन के कई लोगों का कहना है कि 30 तारीख को लाइब्रेरी के उद्घाटन की जगह अगर जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आह्वान पर जिले भर में अखंड रामायण पाठ के आयोजन में रुचि लेते तो उन्हें शायद भगवान राम का आशीर्वाद बेहतर मिलता लेकिन बीते नवरात्रों के दौरान किसी भी जनप्रतिनिधि में ना तो मां दुर्गा के कार्यक्रमों में कोई रुचि दिखाई ना ही अखंड रामायण पाठ के आयोजन करना तो छोड़िए जिलेभर में हो रहे आयोजनों में भी दिखाई देना भी जरूरी नहीं समझा ।
यही नहीं बीते दिनों आजीवन सदस्यता अभियान में भी जहां संगठन के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने बेरुखी दिखाई वही वह समितियों के काम में भी कार्यकर्ताओं का उत्साह निराशाजनक है । पुराने पदाधिकारी इस बार में काम करने से बच रहे हैं कि अगर हमने काम किया और संगठन में बदलाव हुआ तो हमारे किसी काम का नहीं होगा और नए पदाधिकारी को उसका फायदा मिलेगा ऐसे में जनप्रतिनिधियों के बीच बाहर आया विवाद संगठन को और कितना नुकसान पहुंचाएगा यह आने वाले दिनों में दिखाई देगा ।