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फैक्टचैक : यूपी में काबा वाली नेहा राठौर के पति की नौकरी जाने के समाचार का सच क्या ?

इन दिनों पत्रकारिता एजेंडा बाद के तहत होने लगी है ऐसा ही एक समाचार आज वायरल होना शुरू हुआ जिसमें यह कहा गया कि यूपी में काबा गाने पर नेहा सिंह राठौर को पुलिस नोटिस के बाद उनके पति को नौकरी छोड़ने को कहा गया यह समाचार इस तरीके से लिखा गया जैसे यह प्रतीत होता हो कि नेहा सिंह राठौर को नोटिस देने वाली यूपी पुलिस के दबाव में उनके पति की नौकरी गई है । समाचार लिखने वाले पत्रकार ने समाचार को इस तरीके से लिखने की कोशिश की जिससे यह लगे कि नेहा सिंह राठौर के पति की नौकरी यूपी सरकार के दबाव में गई है लेकिन क्या यही सच है या यह एक एजेंडे के तहत लिखी गया समाचार है

नौकरी जाने का सच क्या ?

एनसीआर खबर ने जब एजेंडा चलाने वाले समाचार पत्रों और पत्रकारों की इस समाचार को का सच जानने की कोशिश की तो कहानी कुछ और ही निकल कर आई इस समाचार को सबसे पहले हिंदी में द प्रिंट ने पब्लिश किया जिसमें यह लिखा गया कि गुरुवार को नेहा राठौर के पति हिमांशु ने द प्रिंट से इस बात की पुष्टि की उन्होंने कहा कि दृष्टि आईएएस के साथ पहले से कुछ मुद्दे चल रहे थे लेकिन नेहा के साथ हुई घटना के कुछ दिन बाद मुझे इस्तीफा देने को कहा गया, हाथों में पेन दिखाते हुए हिमांशु ने कहा मैं इस्तीफा ही लिख रहा हूं इसके बाद इस्तीफा सौंप दूंगा ।

इस समाचार में कहे गए कुछ दिन बाद को ध्यान रखना जरूरी है क्योंकि उनकी पत्नी को नोटिस कुछ दिन पहले नहीं मात्र एक दिन पहले दिया गया है ।

अब इस घटनाक्रम पर नजर डालते हैं बुधवार को यूपी पुलिस ने नेहा राठौर को यूपी में काबा गाने से संबंधित एक नोटिस दिया जिसमें कुछ प्रश्नों के उत्तर उन्हें 3 दिन के अंदर देने को कहा गया जिसको लेकर यह माहौल बनाना शुरू किया गया की अभिव्यक्ति की आजादी छीन ली जा रही है लेकिन गुरुवार तक जब यह मुद्दा बहुत नहीं उठा तो इसके बाद दृष्टि आईएएस कोचिंग अकैडमी में सोशल मीडिया का काम कर रहे नेहा के पति ने अपने इस्तीफे के समाचार को सनसनीखेज बनाने की कोशिश की और द प्रिंट ने उसको ऐसा ही दिखाया जिससे यह लगे कि बुधवार को हुए नोटिस प्रक्रिया के बाद गुरुवार को नेहा के पति को इस गाने के लिए निकाल दिया गया जबकि दृष्टि आईएएस इस मामले को लेकर कोई वर्धन समाचार में नहीं लिया गया । ऐसे में प्रश्न ये भी है कि क्या जानबूझकर नेहा के पति के इस्तीफे के समाचार के जरिए सोशल मीडिया पर एक दबाव भरे समाचार को चलाने और उसको भुलाने की कोशिश की गई यदि हां तो पत्रकारिता के लिए यह किसी कालिख से कम नहीं।

कौन है दृष्टि आईएएस?

बीते दिनों माता सीता पर विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में आए दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर के संस्थापक और डायरेक्टर डॉ विकास दिव्यकीर्ति हैं यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के अभ्यर्थियों को अपने सरल सहज और खास अंदाज में पढ़ाने के लिए मशहूर विकास दिव्यकीर्ति ने अपना यूट्यूब चैनल भी शुरू किया हुआ है । ऐसे में दृष्टि आईएएस का उत्तर प्रदेश सरकार से कोई दबाव या प्रभाव में आना असंभव है

ऐसे में द प्रिंट के पत्रकार से कहीं गई हिमांशु की यह बात बहुत कुछ बता देती है की दृष्टि आईएएस से पहले से ही उनके कुछ मुद्दा विवाद चल रहे थे जिसको नेहा के साथ हुई घटना के बाद उन्होंने मौके के तौर पर लपक लिया है और बड़ी टाइमिंग के साथ इसको तथाकथित मीडिया के हाथों में खेलने के लिए दे दिया गया

NCRKhabar Mobile Desk

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