वैश्विक संकटों के बीच भारत की अध्यक्षता में G20 उम्मीद की किरण बनता नजर आ रहा है। दरअसल, विश्व के समक्ष बीते तीन साल में कोरोना महामारी और उसके कारण दुनिया भर में छाई मंदी, अस्थिरता, आर्थिक विषमता और प्रतिकूलता के बीच यह बड़ा इवेंट भारत में होने जा रहा है। इसे सफल बनाने का सारा दारोमदार भारत के कंधों पर होगा। ऐसे में इस बार G20 से विश्व के सम्मुख खड़ी तमाम बड़ी समस्याओं के समाधान की खास उम्मीद की जा रही है।
तमाम चुनौतियों के बीच भारत से अधिक उम्मीद
ज्ञात हो, भारत को G20 समूह के देशों के नेतृत्व का जिम्मा ठीक उस वक्त मिला है, जब पूरी दुनिया एक बार फिर से कोरोना महामारी जैसे विकट संकट से जूझ रही है। पूरी दुनिया पहले भी इस महामारी के दुष्प्रभावों को झेल चुकी है और अभी पूरी तरह से उनसे उबर नहीं पाई है। वहीं भारत बीते तीन साल में तमाम चुनौतियों के बीच पूरी दुनिया में सबसे सशक्त देश बनकर सामने आया है। ऐसे में भारत से अधिक उम्मीद लगाई जा रही है। अब भारत G20 की अध्यक्षता का जिम्मा संभालते हुए विश्व में उच्च मुद्रास्फीति, भोजन, उर्वरक और ऊर्जा की कमी, बेरोजगारी, आर्थिक विषमता आदि समस्याओं का समाधान तलाशने का काम करेगा। केवल इतना ही नहीं जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, परमाणु प्रसार आदि अन्य चुनौतियां भी हैं जो वैश्विक अर्थव्यवस्था और समुदाय को लगातार अस्थिर करती आ रही हैं। इन मुद्दों को लेकर भी रास्ते तलाशे जाएंगे। ऐसे में भारत के पास G20 समूह की अध्यक्षता की जिम्मेदारी का आना एक बड़ी चुनौती है।
चुनौती बड़ी है तो अवसर भी बड़ा
लेकिन दुनिया के तमाम विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे समय में G20 की चुनौती यदि बड़ी है तो भारत के पास अवसर भी उतना ही बड़ा है। आज सारा विश्व भारत की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है। जिस तरह भारत अपने साहसिक और दूरदर्शी नेतृत्व और विवेकपूर्ण नीतियों के बल पर कोविड-जन्य विपरीत परिस्थितियों पर पार पाने में सफल हुआ है, वह सारे विश्व को अचंभित करने वाला है। कोविड महामारी और रूस-यूक्रेन संघर्ष के झटकों से निपटने में अपने प्रभावशाली प्रदर्शन के कारण, भारत एक अंधेरे और उदास वैश्विक परिदृश्य में आशा की किरण के रूप में उभरा है। भारत ने कोरोना काल में आर्थिक रूप से मजबूत होकर दुनिया को ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि सारी मुश्किलों का एक ही हल है जिसका नाम है ”भारत” । जी हां, G20 में सम्मिलित विश्व की अनेक बड़ी अर्थव्यवस्थाएं मुद्रास्फीति, घटती उत्पादकता, बढ़ती बेरोजगारी और आने वाली मंदी की आशंका से जूझ रही हैं, वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ रही है। उदाहरण के लिए स्टॉक मार्केट अपने उच्चतम स्तरों पर है, तो वहीं स्टार्ट-अप तेजी से विकसित हो रहे हैं, निवेश के नजरिए से भी भारत अन्य देशों की तुलना में सबसे आगे है, वहीं विदेशी मुद्रा का बड़ा भंडार देश रिजर्व में जमा है। यह भारत के लिए किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए काफी है।
भारत की ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की अवधारणा में जगा विश्व का विश्वास
पूरा विश्व भारत की बढ़ती शक्ति से प्रभावित है और भारत के ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की अवधारणा पर अपना पूरा विश्वास व्यक्त कर रहा है। भारत ने अपनी इस अवधारणा पर पहले भी आर्थिक और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अप्रतिम कार्य किए हैं। तभी विश्व को आज इस पर विश्वास कायम हुआ है। ऐसे में स्वाभाविक है कि आज जब पूरा विश्व एक बार फिर मुश्किलों में घिरा है तो वह भारत की तरफ ही उम्मीद की नजर से देखेगा। भारत को G20 की अध्यक्षता मिलता इसका सबसे बड़ा सबूत है। भारत आज ऐसा देश बन गया है जिसके या तो सभी दोस्त है या फिर जो नहीं है वो बनना चाहते हैं। रूस और अमेरिका जैसे दो धुर विरोधी, दोनों ही भारत को अपना निकट का मित्र मानते हैं। ऐसे भारत का चमत्कारी नेतृत्व आज G20 के शक्तिशाली समूह को मिला है। नि:स्संदेह न सिर्फ G20 के देश बल्कि सारा विश्व आज भारत की तरफ टकटकी लगाए देख रहा है। गौरतलब हो, अगले साल में देश में G20 देशों की 200 बैठकें होंगी, जो बड़े विचार पूर्वक देश के 50 विभिन्न शहरों में आयोजित की जाएंगी। बड़े-छोटे ये शहर देश की हर दिशा से चयनित होंगे। इस तरह भारत के पास दुनिया के सामने हमारी संस्कृति और धरोहर पेश करने का बड़ा मौका होगा। ऐसे में वैश्विक संकटों के बीच भारत की अध्यक्षता में G20 विश्व की उम्मीद की किरण बन गया है।
भारत ने कब संभाली G20 की कमान
उल्लेखनीय है कि बीती 1 दिसंबर 2022 को भारत ने G20 समूह के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला। G20 दुनिया के सफलतम देशों का संगठन है जिसके सदस्य देश-दुनिया की दो-तिहाई आबादी के साथ वैश्विक सकल उत्पाद के 85% हिस्से, अंतरराष्ट्रीय व्यापार के 75% हिस्से और विकास में वैश्विक निवेश के 80% हिस्से पर काबिज हैं। ऐसे सशक्त और प्रभावी संगठन का अध्यक्ष बनना वैश्विक परिदृश्य पर भारत के एक महत्वपूर्ण देश के रूप में उभरने का एक अहम संकेत है।