
नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर अक्सर गांव की अनदेखी के आरोप लगते रहते हैं नोएडा प्राधिकरण शहर की सड़कों को तो चमका कर रखता है लेकिन जब मामला गांव का आता है तो प्राधिकरण की नियत और कार्यशैली दोनों पर सवाल उठते हैं प्राधिकरण द्वारा गांव की उपेक्षा पर तमाम समाचार प्रकाशित होते हैं लेकिन एक मुख्य मुद्दा जो गायब रहते है वह गांव में बने गांवों वालो द्वारा जगह जगह बिना नियम के अवैध स्पीड ब्रेकर का है
नोएडा के गांव में जगह-जगह बिना नियम ऊंचाई के गांव वालों ने खुद स्पीड ब्रेकर बना दिए हैं और ऐसे ही स्पीड ब्रेकर की चर्चा बीते 2 दिनों से नोएडा में हो रही है जिसके बाद नोएडा की समाजसेवी संस्थाओं ने इन स्पीड ब्रेकर के लिए नियम और इन्हें हटाने की मांग की है जानकारी के अनुसार नोएडा के प्रसिद्ध समाजसेवी और नवरत्न फाउंडेशन के संयोजक अशोक श्रीवास्तव अपनी संस्था के कार्यक्रम के लिए हरौला गांव जा रहे थे और वहां ज्यादा ऊंचाई के गलत बने स्पीड ब्रेकर में उनका पैर उलझ कर वह गिर पड़े जिसके बाद उनके पैर में काफी चोटें आई ।
एनसीआर खबर से बातचीत में अशोक श्रीवास्तव ने बताया कि वह 40 सालों से नोएडा के शहरी और गांव के लोगों के लिए उत्थान के लिए काम कर रहे हैं और उनके कई स्कूल इन गांव में निर्धन बच्चों के लिए चलते हैं बीते दिनों भी ऐसा ही एक कार्यक्रम के लिए वह जा रहे थे तभी बने इन अवैध स्पीड ब्रेकर में उनका पैर उलझ गया और वह गिर पड़े उन्होंने प्राधिकरण द्वारा गांव में सड़कों की दुर्दशा पर बोलते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि हम सब ने इसे गांव की नियति मान लिया है और उसी का परिणाम है कि शायद भगवान ने उन्हें ठोकर लगाकर इनके बारे में भी बोलने के लिए कहा है
आपको बता दें अशोक श्रीवास्तव नोएडा की सबसे बड़ी संस्था नोएडा लोकमंच से जुड़े रहे हैं । इसके अलावा नोएडा की 100 से ज्यादा समाजसेवी संस्थाओं को एक साथ लाकर कई कार्य करने के लिए भी जाने जाते हैं और उनके ग्रुप के एडमिन भी हैं जिसमें इस बात की मांग की जा रही है कि प्राधिकरण को इन अवैध स्पीड ब्रेकर पर काम करने की सख्त जरूरत है क्योंकि समाज से भी अक्सर गांव में जाकर लोगों के बीच काम कर रहे होते हैं और तब ऐसी घटनाओं के कारण परेशानी होती है।