केंद्र सरकार ने कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (PFI) पर बैन लगा दिया है। केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को गैरकानूनी संगठन बताते हुए उस पर 5 साल का बैन लगाया है। साथ ही PFI के सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई हुई है। इन पर भी पांच साल का प्रतिबंध लगाया गया है।
2017 में NIA ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। NIA जांच में इस संगठन के कथित रूप से हिंसक और आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के बात आई थी। NIA के डोजियर के मुताबिक यह संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना गया।
PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वुमंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन, रिहैब फाउंडेशन जैसे सहयोगी संगठनों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। PFI पर बैन के बाद अब ये देश में किसी प्रकार की गतिवधि को अंजाम नहीं दे सकता है। वह न तो आधिकारिक तौर पर कोई कार्यक्रम आयोजित कर सकता है, न उसका कोई दफ्तर होगा, न ही वो कोई सदस्यता अभियान चला सकेगा और न ही फंडिंग आदि ले सकेगा।
यूपी समेत सात राज्यों में 230 से अधिक पकड़े
कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की आतंकी फंडिंग व अन्य गतिविधियों पर मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) समेत सुरक्षा एजेंसियों ने फिर कार्रवाई की है। उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, असम और मध्य प्रदेश में 230 से अधिक लोग गिरफ्तार किए या हिरासत में लिए गए। एनआईए व पुलिस टीमों ने मंगलवार तड़के से ही पीएफआई के ठिकानों पर छापे मारने शुरू किए, जो दिनभर चले। कर्नाटक में सर्वाधिक 80, जबकि यूपी में 57 लोगों को पकड़ा गया है।