घोषित एवं इनामी अपराधी श्रीकांत त्यागी के परिवार से सपा प्रतिनिधिमंडल के मिलने के निर्णय पर नोएडा महानगर समाजवादी पार्टी उपाध्यक्ष शैलेंद्र वर्णवाल ने इस्तीफा दे दिया है l
शैलेंद्र वर्णवाल ने ट्वीट कर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव एवं उत्तर प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को इस्तीफा भेजा l
अपने दो पेज के इस्तीफा पत्र में शैलेंद्र वर्णवाल ने कहा कि महिलाओं के साथ बदतमीजी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं है l, पार्टी को ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे पार्टी पर अपराधी को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष समर्थन एवं किसी जात के खिलाफ होने का ठप्पा लग जाए l
@yadavakhilesh @NareshUttamSP @ashubhatnaagar शैलेंद्र कुमार उपाध्यक्ष नोएडा महानगर इनामी अपराधी श्रीकांत त्यागी(महिला से सरेआम बदतमीजी व वैश्य जाति को अपमानजनक शब्द का प्रयोग)के परिवार से SP delegates मिलने के निर्णय से असहमत होते हुए पद व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हू pic.twitter.com/8FSe8qitSE
— baranwalshailendra21 (@Baranwal21) September 1, 2022
प्रतिनिधि मंडल को लेकर पूछे कई सवाल
शैलेंद्र वर्णवाल ने इस्तीफे के साथ-साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी से कुछ प्रश्न भी पूछे हैं l
- 9 सदस्य प्रतिनिधि मंडल में सदस्य ज्यादातर एक जाति विशेष के ही क्यों हैं
- ऐसी कौन सी मजबूरी थी या फिर पार्टी को फायदा होना था कि जिस घोषित इनामी अपराधी प्रवृति के व्यक्ति से बीजेपी दामन छुड़ा ली उससे सपा क्यों चिपक गई l
- जब यह मामला ठंडा पड़ रहा था तो फिर यह मामला क्यों उठा?
- आखिर कहीं ठंडे तवे पर रोटी सीकती है क्या?
- ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी का जब मामला था तो ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के नेताओं से इस पर सलाह मशवरा क्यों नहीं किया गया?
सुनील चौधरी के कहने पर वह समाजवादी पार्टी जुड़े
शैलेंद्र वर्णवाल ने कहा कि सुनील चौधरी के कहने पर वह समाजवादी पार्टी से जुड़े थे l इससे पार्टी को फायदा भी मिला और सोसायटी ओं में कई समाजवादी कार्यक्रम हुए l, वृक्षारोपण सोसाइटी सैनिटाइजेशन आदि कार्यक्रम में सोसाइटी की महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया l, चुनाव के दिनों में अपना व्यक्तिगत काम छोड़कर पार्टी के लिए 25 दिन सक्रिय भूमिका निभाई इन्हीं प्रयासों से चुनाव प्रचार में सोसाइटी की महिलाएं सक्रिय भागीदारी दी l चुनाव के दिन जहां समाजवादी पार्टी के बस्ते नहीं लगते थे पोलिंग एजेंट नहीं बनते थे इस बार पोलिंग एजेंट भी बने बस्ते भी लगे l कुछ महिलाएं भी पोलिंग एजेंट बनी, महिलाओं में समाजवादी पार्टी के प्रति जो, गलत भ्रांतियां थी वह खत्म हुई l
परंतु अब पार्टी के द्वारा गलत व्यक्ति के समर्थन में उतरने से फिर से महिलाएं चिंतित हो गई है l
सोसाइटी की महिलाएं शिक्षित एवं कामकाजी होती हैं जिसमें कुछ तो ऑफिस का प्रतिनिधि करती हैं l
समाजवादी पार्टी को अब इनके प्रश्न का जवाब देना पड़ेगा l